भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में अंतर देखना हो तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में उसके कामकाज से देख सकते हैं। जी हाँ बात करते हैं दिल्ली के ‘आप’ विधायकों की और यूपी के ‘बीजेपी’ विधायक की। ध्यान दीजिएगा कि दिल्ली पुलिस केंद्र की मोदी सरकार “बीजेपी सरकार” के अंतर्गत आती है। यूपी की पुलिस सीधे तौर पर राज्य की योगी सरकार की है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों पर सिर्फ चीफ सेक्रेटरी को पीटने का आरोप लगा और कुछ ही घंटों के अन्दर दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबकि यह पूरी तरह से साफ नहो हो पाया था कि आप विधायकों द्वारा सेक्रेटरी को मारा गया। लेकिन बीजेपी सरकार की पुलिस ने कार्यवाई करने में जरा भी देर नहीं लगाई।
वहीं दूसरी तरफ उन्नाव रेप कांड में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर है। उसके खिलाफ सारे ठोस सबूत और गवाह होने के बावजूद वो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। यहाँ तक कि बीजेपी विधायक के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज तक नहीं की है। आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर अभी भी सलाखों के बाहर है। लेकिन सरकार अभी तक विधायक को बचाने में लगी हुई है।
अब देश की जनता को इन पार्टियों के अजेंडे को समझ जाना चाहिए कि ये सिर्फ एक राष्ट्र, भारत माता, गौ माता, हिंदुत्व, मंदिर और रामराज्य से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें तो बस चाहिए कि अपने फायदे के लिए किसी की बेटी का बलात्कार करदो और उसके बाप को इतना मारो कि वो मर ही जाए।
देश की करोड़ों बेटियां एक बेटी के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं, मगर अफसोस है कि पूरी भाजपा सरकार और उसके नेता एक बलात्कार और हत्या के आरोपी विधायक को बचा रही है।