उत्तराखंड के हरिद्वार से बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। विधायक पर ज़िला पंचायत के मुख्य अपर अधिकारी को बंधक बना कर चेकों पर जबरन साइन कराने की कोशिश और पत्रकारों से बदसलूकी का आरोप है।

ख़बरों के मुताबिक, शुक्रवार शाम भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के नेतृत्व में उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य कुवंरानी देवयानी सिंह, मोहम्मद सत्तार और अमीलाल बाल्मीकि बंदूकधारियों के साथ जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और अपर मुख्य अधिकारी आरपी त्रिपाठी को बंधक बनाकर भुगतान के चेकों पर जबरन हस्ताक्षर कराने की कोशिश की। साथ ही तीनों सदस्यों ने मामले की कवरेज करने गए पत्रकारों से भी धक्कामुक्की की।

दरअसल, हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्षा सविता चौधरी को बहाल कर दिया है, मगर कोर्ट ने सविता चौधरी के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार बहाल नहीं किए थे। इससे पहले पिछले साल 7 दिसंबर को जिला अधिकारी की संस्तुति पर राज्य सरकार ने सविता चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाते हुए जिला पंचायत के संचालन के लिए समिति का गठन किया था।

समिति में बीजेपी के दबंग विधायक चैंपियन की पत्नी जिला पंचायत सदस्य कुवंरानी देवयानी सिंह, मोहम्मद सत्तार और अमीलाल बाल्मीकि की तीन सदस्यीय कमेटी शासन ने बना दी थी।

बीजेपी विधायक ने कहा कि भले ही अध्यक्षा सविता चौधरी की कोर्ट ने बहाली कर दी है, मगर पंचायत के सभी प्रशासनिक ओर वित्तीय अधिकार अभी शासन द्वारा नामित समिति के पास ही हैं। इसी अधिकार से उन्होंने कर्मियों के वेतन संबंधी कागजातों पर हस्ताक्षर करवाए हैं।

वहीं, जिला पंचायत संचालन समिति की सदस्य कुवंरानी देवयानी और मोहम्मद सत्तार ने कहा है कि अध्यक्ष सविता चौधरी पर अभी भी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है। पंचायत के कर्मियों के वेतन और अन्य कार्यों के कागज़ात शुक्रवार को ही तैयार हुए थे, इसलिए वो तीनों सदस्य उन पर हस्ताक्षर करवाने आए थे।

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