जेएनयू प्रोटेस्ट के दौरान महिला पत्रकार से बदसलूकी करने के खिलाफ आज वरिष्ठ पत्रकारों ने दिल्ली के प्रेस क्लब से मार्च प्रदर्शन किया। इस मार्च में आजतक की मौसमी सिंह और NDTV के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार भी शामिल हुए।

द क्विंट से बात करते हुए रवीश कुमार ने लोगों को प्रदर्शन में शामिल होने का निवेदन करते हुए कहा, “मुझे अफ़सोस है कि जब कोई पत्रकार पिटता है तो सिर्फ पत्रकार ही आते हैं”।

रवीश ने महिला पत्रकार की पिटाई पर बोलते हुए कहा गया कि, महिला पत्रकार को टारगेट करके पीटा गया ताकि वो लोगों की आवाज न उठा सके।

रवीश कुमार ने कहा कि, “ पत्रकारों को पीटना स्टेट का फॉर ग्रांटेड कैरेक्टेर हो गया है, आप(पत्रकार) आयेंगे आपको अकेला देखेंगे और पीट के चल देंगे। जांच वाच से कुछ नहीं होता”।

रवीश ने आगे महिलाओं के पत्रकारिता पर बोलते हुए कहा कि, “लड़कियां पत्रकरिता में बहुत जोखिम ले रही हैं। लोगों को लगता है की ये निडर हैं इसलिए इन्हें वो अकेले में ले जा कर के पीट देते हैं”।

इसके बाद रवीश ने आरा में दो पत्रकारों की हत्या के मामले पर बोलते हुए कहा कि, छोटे शहरों में पत्रकारों की हालत बेहद ख़राब हो चुकी है। दिल्ली, मुंबई में तो फिर भी लोग पत्रकारों के समर्थन में आ जाते है पर छोटे शहरों में कोई नहीं जाता।

प्रदर्शन के असर पर बात करते हुए रवीश ने कहा कि, प्रदर्शन से हम सरकार के दिल पर बोझ बन जाते हैं। हम सरकार को बताते है की आपने गलत किया और आप एक्शन नहीं लोगे तो हम आपके सीने पर बोझ बन कर रहेंगे। आपको याद दिलाते रहेंगे की आपने एक महिला या किसी भी पत्रकार के साथ गलत बर्ताव किया है।

हालांकि जेएनएयू प्रोटेस्ट के दौरान पत्रकारों से बदसलूकी मामले में दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर दी है। दिल्ली पुलिस ने दो पुलिसकर्मियों का निलंबित कर दिया गया है।

बता दें कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी ने महिला फोटो जर्नलिस्ट के खिलाफ बल प्रयोग किया था और उसका कैमरा छीन लिया था।

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