योगी सरकार को उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाले पूरे एक साल हो चुके हैं। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इन एक सालों में योगी और बीजेपी समर्थकों के लिए भले ही रामराज आ गया हो लेकिन आम जनता बेहाल हो चुकी है।
योगी राज में कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ चुकी हैं। मानवाधिकार का आलम ये है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग योगी सरकार को 12 महीने में 14 नोटिस भेज चुका है। यानी औसतन हर महीने मानवाधिकार उल्लंघन की एक नोटिस मिली ही है।
इन नोटिसों में सरकार से फर्जी एनकाउंटर, अस्पतालों की अव्यवस्था और पुलिस के अमानवीय रवैये, आदि से जूड़े लेकर सवाल पूछे गए हैं।
पिछले एक साल में गाजियाबाद फर्जी इनकाउंटर, नोएडा फर्जी एनकाउंटर, बीएचयू छेड़छाड़, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत से लेकर रायबरेली में एनटीपीसी हादसे, उन्नाव में टॉर्च की रोशनी में आंख के ऑपरेशन और झांसी मेडिकल कॉलेज में कटे पैर को तकिया बनाने मामले में एनएचआरसी ने यूपी सरकार को नोटिस दिया है।
बलरामपुर के एक मामले में तो आयोग ने पुलिस को नवविवाहित जोड़े पर बेवजह उत्पीड़न और बलात्कार तक का दोषी पाया है। न्यूज 18 में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा भेजे गए वो 14 नोटिस इस प्रकार हैं:-
10 अप्रैल 2017
एनएचआरसी ने गौतमबुद्धनगर के डीएम और एसपी को नोटिस भेजा. आरोप था कि पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में एनएसजी सोसाइटी में पुलिस ने जांच के नाम पर झूठे आरोप में अफ्रीकी नागरिकों का उत्पीड़न किया.
14 अगस्त 2017
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कई बच्चों की मौत में एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. नोटिस में आयोग ने मुख्य सचिव से मामले की डिटेल रिपोर्ट देने के साथ ही क्या-क्या उपाय किए गए इसकी भी जानकारी मांगी.
26 सितंबर 2017
बीएचयू में छेड़छाड़ के मामले में एनएचआरसी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी, बीएचयू के वीसी को नोटिस जारी किया और उनसे डिटेल रिपोर्ट तलब की.
5 अक्टूबर 2017
गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में गैंगस्टर सुमित गुर्जर का इनकाउंटर हुआ. मामले में यूपी पुलिस पर आरोप लगे कि ये इनकाउंटर फर्जी था, सुमित की हत्या की गई है. इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जलब तलब किया.
2 नवंबर 2017
एनटीपीसी के ऊंचाहर प्लांट में ब्वॉयलर फटा. इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई व दर्जनों घायल हुए. मामले मे मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया.
22 नवंबर 2017
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों के इनकाउंटर पर दिए गए बयान पर सवाल उठाए. आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस से इनकाउंटर में हत्याओं को बढ़ावा दे रही है.
14 दिसंबर 2017
नोएडा के बाल सुधार गृह में अमानवीय उत्पीड़न मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया. आयोग ने इस संबंध में डीआईजी इन्वेस्टिगेशन की अगुवाई में एक टीम गठित करने का फैसला किया और मौके पर जाकर जांच कर आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
27 दिसंबर 2017
उन्नाव के एक अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में आंख के दर्जनों आॅपरेशन करने का मामला सामने आया. मामले में आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया. इसमें मुख्य सचिव से 6 बिंदुओं पर जवाब तलब किया गया. जिसमें आॅपरेशन के बाद प्रत्येक व्यक्ति की आंख सही हुई या नहीं उसकी जानकारी भी तलब की गई.
29 दिसंबर 2017
बलरामपुर में एक शादी शुदा प्रेमी जोड़े पर अत्याचार के लिए मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को अपनी जांच में दोषी पाया. इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया.
3 जनवरी 2018
बाराबंकी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वॉर्ड ब्वॉय के सहारे चलाने के मामले में आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया. पता चला कि इस अस्पताल में वॉर्ड ब्वॉय डॉक्टर और फार्मासिस्ट दोनों का काम कर रहा है.
22 जनवरी 2018
सहारनपुर में हादसे में दो घायलों को यूपी-100 गाड़ी के सिपाहियों ने इसलिए अस्पताल नहीं पहुंचाया क्योंकि गाड़ी गंदी हो जाती. जिसकी वजह से समय पर इलाज नहीं मिलने से दोनों ही नाबालिगों की मौत हो गई. मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए योगी सरकार को नोटिस जारी किया.
5 फरवरी 2018
नोएडा में एक दरोगा ने फर्जी एनकाउंटर दिखाते हुए 25 साल के एक युवक को गोली मार दी. मामले में मीडिया में खबर आई तो आला अफसरों ने फौरन दरोगा को गिरफ्तार करने का फरमान जारी किया. पता चला कि व्यक्तिगत दुश्मनी में ये हमला किया गया. मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
7 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया.
12 मार्च, 2018
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मरीज का पैर काटकर उसके सिर के नीचे रखने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव से चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है.