नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए तो उन्होंने अपनी सरकार द्वारा बेहतर शासन के लिए कई नारे दिए। इनमें से गुड-गवर्नेंस भी एक नारा था।

लेकिन उनके सभी वादों और नारों की तरह ये नारा भी जुमला बनकर रह गया। प्रशासन-व्यवस्था गड़बड़ियों का शिकार हुई और अब उस से होने वाले घोटाले भी सामने आ रहे हैं।

बैंक घोटाला वो समस्या है जो मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक रहा है। पिछले कुछ समय में कई बड़े उद्योगपति बैंकों का पैसा लेकर विदेश भागे। विजय माल्या और नीरव मोदी इनमें ज़्यादा चर्चित रहे।

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अब इस तरह के बैंक घोटाले मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में हो रहे हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुद्रा’ में भी ऐसे ही बैंक घोटाले सामने आए हैं। इन बैंक घोटालों की रकम 11000 करोड़ रुपए हैं। और इन्हें अंजाम देने वालो की संख्या 13.85 लाख।

मुद्रा योजना प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका ज़िक्र वह अक्सर बेरोज़गारी के सवाल पर करते हैं।

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इस योजना में कम ब्याज़ दरों पर लोन दिया जाता है और लोन देने के बाद इस राशि के ज़रिए आवेदक को कुछ संपत्ति अर्जित करनी होती है। इस मामले में, मुद्रा के तहत दिए गए लोन से कोई संपत्ति नहीं बनाई गई।

‘द सन्डे स्टैण्डर्ड’ की खबर के मुताबिक, एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि मुद्रा योजना के अंतर्गत दिए गए लोन में से 11000 करोड़ रुपए के लोन बैड लोन में तब्दील हो गए हैं। मतलबी वो वसूल नहीं हो पा रहे हैं।

2 COMMENTS

  1. loan mila kisko sirf paise walo ko kisi gareeb ko nhi jiske liye ye yojna banayi gyi thi use diya hi nhi gya agr koi gareeb insan baink gya h to baink managger 3,4 maheene dodane k bad bol deta h mera to torget poora ho gya ab aapka loan nhi ho sakta mai tumhara loan nhi krunga jo krna ho kr lo tum mera kuchh nhi kr sakte vagirah vagairah

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