मेरठ के हाशिमपुरा में 1987 में हुए नरसंहार मामले में फैसला आ चुका है। तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 16 पीएसी जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

31 साल पहले 1987 में राजीव गांधी सरकार ने बाबरी मस्जिद का ताला खोलने का आदेश दिया था इसके बाद पश्चिम यूपी में माहौल ख़राब हुआ था। जिसके चलते 22 मई को पुलिस पीएसी और आर्मी ने हाशिमपुरा महौले में सर्च अभियान शुरू किया जिसमें 42 लोगों की जान गई थी।

इससे पहले साल 2015 में 21 मार्च को निचली अदालत ने अपने फैसले में सभी 16 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष, आरोपियों की पहचान और उनके खिलाफ लगे आरोपों को बिना शक साबित नहीं कर पाया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था इस मामले फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी 16 जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इस मामले में 19 पीएसी जवानों को  हत्या, हत्या के प्रयास, सुबूतो से छेड़छाड़ और साजिश रचने की धाराओं में आरोपी बनाया गया था।

साल 2006 में 17 लोगों पर आरोप तय किए गए, सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मृत्यु हो गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here