जिस भगवान राम को अल्लामा इक़बाल ने ‘इमामे हिंद’ कहा उस राम के नाम पर देश में नफ़रत फैलाने का काम किया जा रहा है। ताज़ा मामला राजस्थान के अलवर से सामने आया है। जहां राम-राम न बोलने पर मुस्लिम दंपति के साथ बदसलूकी की गई।

घटना अलवर के सेंट्रल बस स्टैंड की है। जहां मुस्लिम दंपति शनिवार की रात बस के इंतेज़ार में खड़े थे। तभी करीब साढ़े ग्यारह बजे दो लोग मोटरसाइकिल पर आए और दंपती को गाली देने लगे और उनसे बदसलूकी शुरू कर दी। दोनों बदमाशों की पहचान वंश भारद्वाज और सुरेंद्र भाटिया के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम दंपति से बदसलूकी के समय दोनों नशे में धुत थे।

देश में पेट्रोल 79, प्याज 80 रुपये में बिक रहा है लेकिन मीडिया ‘हिंदू-मुस्लिम’ बेच रहा है

दंपति द्वारा लिखाई गई एफआईआर के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने मुस्लिम दंपति से जबरन ‘राम-राम’ बुलवाने की भी कोशिश की। मना करने पर दोनों ने महिला के पति को पीटना शुरू कर दिया। जब महिला ने बीच-बचाव की कोशिश की तो इन दोनों ने सरेआम महिला के कपड़े फाड़ने की कोशिश की।

जिसके बाद शोरगुल सुनकर लोग इकट्ठा हो गए और मुस्लिम दंपति को बचाया जा सका। मौके पर पहुंचे लोगों ने बदमाशों को पकड़ लिया और फिर उनको पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर 18 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

डॉ कफ़ील कभी दोषी नहीं थे, उनको सज़ा सिर्फ़ उनके मुस्लिम नाम की वजह से दी गईः रोहिणी सिंह

अलवर महिला थाना की एसएचओ चौथमाल वर्मा ने बताया कि एफ़आईआर कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज कराई गई, जिसे जांच के लिए अलवर महिला थाना भेजा गया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

राम के नाम पर हिंसा का ये कोई पहला मामला नहीं है। हाल के दिनों में देश में कई ऐसी घटनाएं देखी गई हैं, जब राम के नाम का उद्घोष न करने पर लोगों को पीटा गया है। झारखंड में तो ‘जय श्री राम’ के नारे के उद्घोष के साथ तबरेज़ अंसारी को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद ‘जय श्री राम’ का नारा ही सवालों के घेरे में आ गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here