प्रधानमंत्री मोदी जब डिस्कवरी चैनल के शो मैन वर्सेस वाइल्ड में नज़र आए थे, उस वक़्त उन्होंने कहा था कि उन्हें प्रकृति से प्यार है वो अपनी जिंदगी के कई साल जंगलों में बिता चुके है। मगर अब उनकी ये बात भी जुमला साबित होने लगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुंबई में करीब 300 पेड़ काटकर मेट्रो लाई जा रही इसके लिए पेड़ों को बलिदान देना पड़ रहा है। उसे बचाने ना ही कोई कोर्ट आ पा रहा और ना ही कोई राज्य या केंद्र की मोदी सरकार।

ऐसी स्थिति तब बनी है जब देश के प्रधानमंत्री खुद को प्रकृति से प्यार करने वाले बताते है। मगर कुछ लोग अभी भी हाईकोर्ट से अपील ख़ारिज होने के बाद सडकों पर पेड़ काटने के खिलाफ मैदान में उतर आए है। जैसे ही विरोध प्रदर्शन (Aarey Protest) तेज हुआ पुलिस ने कई महिलाओं और पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया।

इसके बाद सुबह भी लोग प्रदर्शन करने की तैयारी में है लेकिन लोगों को पुलिस ने आरे के बाहर रोक दिया है। आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है, वहीं पेड़ कटने का विरोध करने गई शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा कि आरे के सभी प्रवेश द्वार को मुंबई पुलिस ने बंद कर दिया है, मुझे जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया, जबकि मैंने कोई कानून नहीं तोड़ा। पुलिस ने ये भी नहीं बताया कि मुझे कहां ले जाया जा रहा है’?

बता दें कि हाई कोर्ट का ये फैसला उन लोगों के लिए एक झटका था जो 2,700 पेड़ों की प्रस्तावित कटाई का विरोध कर रहे थे और उन्होंने डिपो के स्थानांतरण की मांग की थी, जो मेट्रो परियोजना का हिस्सा है।

उच्च न्यायालय ने आरे को एक जंगल के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया, जिससे अधिकारियों को मुंबई मेट्रो के लिए एक शेड के निर्माण के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति मिल गई। अभीतक उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शुक्रवार रात करीब 200 पेड़ काटे जा चुके हैं।

साभार- NDTV

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