भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में भले ही सरकार अस्पतालों में ऑक्सीजन और वैक्सीन से बिगड़ रही स्थिति को छिपाने की कोशिश कर ले। लेकिन सोशल मीडिया पर योगी सरकार के झूठे दावों का पर्दाफाश हो रहा है।

सोशल मीडिया पर ही लोग अस्पतालों में ऑक्सीजन और वैक्सीन की कमी के कारण अपने खो चुके परिजनों को लेकर दुख जाहिर कर रहे हैं।

इसी बीच योगी सरकार ने सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

खबर सामने आई है कि अमेठी पुलिस ने इस संदर्भ में मंगलवार को एक युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है।

जिस पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर मदद की गुहार लगाई थी। युवक के खिलाफ सेक्शन 269, 505 (01) B के तहत रामगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

योगी सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई है। जिसे एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दायर की है।

साकेत गोखले द्वारा दायर की गई इस याचिका में योगी सरकार द्वारा सुनाए गए फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है।

इस याचिका में यह अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर कोरोना संकट के दौरान मदद की अपील करने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही ना की जाए।

इस संदर्भ में एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि कोरोना पीड़ितों और उनके परिवार को ऑक्सीजन की आपूर्ति करवाने वाले वॉलिंटियर्स अपराधी नहीं है।

इस संदर्भ में मैंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में योगी सरकार द्वारा लिए गए फैसले को तत्काल प्रभाव से खारिज करने की मांग की है।

आपको बता दें कि एक्टिविस्ट साकेत गोखले द्वारा दायर की गई याचिका में यह कहा गया है कि सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन की मांग करने वाले कोरोना संक्रमण के गंभीर पीड़ितों के परिवारों पर कार्यवाही की जाना राज्य सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग है।

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