हिंदी चैनल एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को आज फिलीपींस की राजधानी मनीला में रेमॉन मैगसेसे सम्मान से नवाजा गया है। रवीश को सम्मान देने वालों ने मना है कि वो उन लोगों की आवाज बनाते हैं जिनकी आवाज कोई और नहीं सुनता। यानि रवीश कुमार को भारत के दरकिनार किए गए लोगों की आवाज मना गया है।
इसा मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने रवीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि, “असहमति, आलोचना, निडरता और सरोकार वाली आवाज की नुमाइंदगी करते हुए यहां तक पहुँचाने के लिए बधाई रवीश कुमार।”
अजीत अंजुम ने इशारों में सरकारी पत्रकारों के लिए कहा कि, “सरकार को ‘सरोकार’ मानने वालों पत्रकारों की भीड़ तब इस कोने से उस कोने तक दिख रही हो तो बीच में तुम एक अडिग मीनार की तरह दिख रहे हो।”
तुमसे लोग जलेंगे
तुम्हें कोसेंगे
तुम्हें गालियां देंगे
तुम्हें ट्रोल करेंगे
विपक्ष का एजेंट कहेंगे
देशद्रोही कहेंगे
पाकिस्तान परस्त कहेंगे
लेकिन यूँ ही टिके रहना.टकराते रहना @ravishndtv
इतिहास ताकत से टकराने वालों का लिखा जाता है,चाटूकारों का नहीं#RamonMagsaysayAward https://t.co/f71oAOiH8A— Ajit Anjum (@ajitanjum) September 9, 2019
उन्होंने आगे कहा कि, “तुमसे लोग जलेंगे, कोसेंगे, तुम्हें गालियां देंगे, तुम्हें ट्रोल करेंगे, विपक्ष का एजेंट कहेंगे, देशद्रोही कहेंगे, पाकिस्तान परस्त कहेंगे। लेकिन यूं ही टिके रहना। टकराते रहना रवीश कुमार इतिहास ताकत से टकराने वालों का लिखा जाता है। चाटुकारों का नहीं।”
रवीश कुमार पिछले दो दशकों से एनडीटीवी से जुड़े हुए हैं। यहां काम करते हुए उन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं में काम किया है। अपनी अलग तरह की शैली की पत्रकारिता के जरिए रवीश ने अपना मुकाम हासिल किया है। रवीश कुमार का कार्यक्रम ‘रवीश की रिपोर्ट’ देश के चुनिंदा टीवी पत्रकारिता के कार्यक्रमों में से एक रहा है।
बाद में रवीश ने अपने रात 9-10 बजे के प्राइम टाइम शो के जरिए सत्ता से सवाल पूछना जारी रखा। इस कार्यक्रम में रवीश उन टीवी पत्रकारों से अलग दिखे, क्योंकि उन्होंने यहां भी देश के मूल मुद्दों को उठाया जिनसे आम नागरिक का सीधा वास्ता था। इसी वजह से सत्ता ने उनके कार्यक्रम प्राइम टाइम का बहिष्कार किया। उन्होंने सरकारी नौकरियों, छात्रों, यनिवर्सिटी के उपेक्षित परिसरों को अपने प्राइम टाइम का हिस्सा बनाया।
रवीश ने रेमॉन मैगसेसे सम्मान लेते हुए कहा कि, “अब लोकतंत्र को नागरिक पत्रकार ही बचाएंगे और वे खुद ऐसे नागरिक पत्रकार की भूमिका में हैं।”
What about you Anjum? Are u boot licker.
Congratulats
Aap ki ptrkatita great hai
Jai Hind
Mohabbat kaun karta hai ,siyasat kaun karta hai .
Use malum hai uski ,hifazat khuda karta hai
Ravis ne hi ,rakhi hai loktantra ki laaj
Warna yahan to savi tukdon pe palte hai
Bagawat kaun karta hai
From Doha,Qatar
आपको देखकर महसूस होता है पत्रकारिता अभी साँस ले रही है वरना लोकतंत्र का ये चौथा स्तम्भ कब का खत्म हो चुका था
Great sir, We are because of journlist like you.
My sincere greetings.
Ravish g aap is samay ek aise diye ki tarah ho jiske chaaro taraf siyasatvne ghanghor andhera Kiya hua hai sir woh samajhte hai ki ek diye se Kya hoga. Parantu shayad woh yeh nahin dekh paste ki bhatke hue logo ko ek Diya ki roshni bhi sahi raaste ka pata Bata sakti hai.
Jai Karan Faridabad
Well said dear,
bahut lambe wakt se main aapko dekh raha hoon…aap main maine apne aap ko dekha hai.sirf ek patrakar hai jo jinda hai.RAVEESH
Andhi aaye ya toofan apne path par chalte rah na.AWAWARD pane ke tum hi adhikari the…..BADHAI HO
इतना भी थेथर न बनाइये बिचारे को! झूठ को नाव बना के तैरने से जुताखोर हो गया है बिचारा। वामपंथ को क्यों जिंदा रखना चाहता है ये जबकि दुनिया से ये खत्म हो गई है? वैसे NDTV की creative team बहुत अच्छी है, कंटेंट को अच्छा लिखती है भले झूठ हो। पर पढ़ने वाले बरखा, राजदीप, रवीश जैसे पैसों के धनी पत्रकार और धनी बनने के चक्कर मे controvery पालते रहते हैं और कुछ भी बोलकर न्यूज़ में बने रहते हैं। कड़वा सच अच्छा होता है कड़वा झूठ नहीं। क्योंकि जब facts, logic जांची जाती है तब कलई खुल जाती है।
You always have done a courageous job . Carry on . God is with you .