देश के सौ शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए योजना शुरू हुई थी। जुलाई में लोकसभा में दिए एक जवाब में सरकार ने बताया था कि इन 100 स्मार्ट सिटी पर 90, 176 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि खर्च हो चुकी है। पिछले ही साल उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा था कि स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए पटना, मुज़फ़्फ़रपुर, भागलपुर और बिहार शरीफ में अगले 5 साल में 1-1 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मगर स्मार्ट सिटी तो दूर की बात बिहार की राजधानी पटना ही पानी-पानी हो गया है। हजारों करोड़ से बनने वाली स्मार्ट सिटी अब पानी में डूब चुकी है, खुद उप मुख्यमंत्री के घर में पानी घूस चुका है।
बाढ़ से बिहार बेहाल है, पटना में हाहाकार है, क्या इसके लिए भी ‘नेहरु’ ज़िम्मेदार है : आचार्य प्रमोद
इस मामले पर पत्रकार अजीत अंजुम ने सोशल मीडिया पर लिखा- पटना तो पानी पानी हुआ सो हुआ लेकिन वो जो सौ स्मार्ट सिटी बनना था, उसका क्या हुआ ? स्मार्ट सिटी में ये होगा, वो होगा , ये सब कहानी महीनों तक चैनलों और अखबारों में चली 5 साल बाद कोई तो पूछे कि मेरे सरकार, मेरे मालिक, मेरे आका वो सिटी कहाँ है , जो स्मार्ट है ?
पटना तो पानी पानी हुआ सो हुआ लेकिन वो जो सौ स्मार्ट सिटी बनना था ,उसका क्या हुआ ? स्मार्ट सिटी में ये होगा, वो होगा , ये सब कहानी महीनों तक चैनलों और अखबारों में चली ..5 साल बाद कोई तो पूछे कि मेरे सरकार, मेरे मालिक, मेरे आका वो सिटी कहाँ है , जो स्मार्ट है ?
— Ajit Anjum (@ajitanjum) September 30, 2019
बता दें कि पटना में कई अस्पताल, दुकान और बाजार जलमग्न हो चुके हैं। यातायात बुरी तरह से प्रभावित है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। इस बीच शहर के कुछ इलाकों में लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें लगी हुई हैं। वहीं, बिहार सरकार ने भारतीय वायुसेना से पटना के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और खाने के पैकेट्स व दवाइयां पहुंचाने के लिए दो हेलिकॉप्टर की मांग भी की है।
गौरतलब हो कि राजधानी पटना में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पानी का स्तर लगातार बढ़ने के बाद सूबे के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी इसमें फंस गए थे।
वह पटना के राजेंद्र नगर इलाके में थे और पिछले चार दिनों से फंसे हुए थे। इसके बाद उन्हें एनडीआरएफ ने उनके घर से रेस्क्यू किया था एनडीआरएफ की टीम उनके घर पहुंची और नाव पर बैठा कर उन्हें वहां से निकाला। इस दौरान उनका परिवार भी उनके साथ था।