राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को बैन किए जाने की मांग अब सिख समुदाय से भी उठने लगी है। अकाल तख्त प्रमुख (जत्थेदार) ने RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि RSS देश को बांटने का काम कर रहा है, इसलिए इसपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि  “भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। यहां सिख, ईसाई, यहूदी और पारसी भी रहते हैं। बहुत सारी बोलियां बोली जाती हैं। यह भारत की खूबसूरती है। यह कहना कि इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है, ये गलत है। यह देश के हित में नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “RSS जिस तरह से काम कर रहा है, इससे तो ये साफ है कि वह देश को बांट देगा। आरएसएस के नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयान देश के हित में नहीं हैं।” इस दौरान जब हरप्रीत सिंह को RSS से सत्तारूढ़ बीजेपी की नज़दीकी बताई गई तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है। यह देश को नुकसान पहुंचाएगा और उसे तबाह कर देगा।

ग़ौरतलब है कि अकाल तख्त प्रमुख का ये बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताया था। बीते दिनों नागरपुर मुख्यालय में आयोजित एक समारोह के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत की पहचान हमेशा से एक हिंदू राष्ट्र की रही है।

उन्होंने कहा था कि संघ अपने इस नजरिये पर अडिग है कि ‘भारत एक हिंदू राष्ट्र’ है। इससे पहले उन्होंने 1 अक्टूबर को कहा था, “हम सबकुछ बदल सकते हैं। सभी विचारधाराएं बदली जा सकती हैं, लेकिन सिर्फ एक चीज नहीं बदली जा सकती, वह यह कि ‘भारत एक हिंदू राष्ट्र है।”

इस बयान को लेकर उनकी जनकर आलोचना भी हुई थी। बीते हफ्ते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) प्रमुख गोविंद सिंह लोंगवाल ने मोहन भागवन के ‘हिंदू राष्ट्र’ वाले बयान की आलोचना करते हुए इसे बेबुनियाद बताया था।

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