केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पेगासस फोन टैपिंग मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। दरअसल कल मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई है। मॉनसून सत्र के पहले दिन ही पेगासस जासूसी कांड का खुलासा हुआ है।

जिसमें भारत के पत्रकारों, नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत तीन सौ से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए थे।

ग्लोबल मीडिया एसोसिएशन की जांच के बाद इस बात के सबूत मिल चुके हैं कि इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप के मालवेयर का इस्तेमाल कर भारत के कई लोगों की जासूसी की जा रही थी।

इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया के जरिये मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने फेसबुक पोस्ट के जरिये लिखा है कि “फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है।

अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।”

दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा भी मोदी सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार ने राहुल गाँधी की भी जासूसी करवाई है।

कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी समेत देश के कई नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करवा कर लोकतंत्र से खिलवाड़ किया है।

भारतीय जनता पार्टी को अपना नाम बदलकर भारतीय जासूस पार्टी रख लेना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है। तब से नागरिकों के मौलिक अधिकारों को दबाने की कोशिश कर रही है।

आपको बता दें कि इस जासूसी कांड में भारत के अलावा भी कई और देशों का नाम शामिल है। जहां के लोगों के फोन टैप किए गए हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा फोन मैक्सिको के लोगों के टैप किए गए हैं।

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