उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब वसूली करने को ही अपने प्रशासनिक सफलता का पैमाना मान रही है। जब से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं तब से अलग-अलग मामलों में लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए क्षतिपूर्ति के नाम पर उनसे लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं।
छोटे दुकानदारों और व्यापारियों से करोड़ों रुपए की वसूली की धमकी देने के बाद योगी सरकार के निशाने पर अब बेहद ही गरीब तबके के लोग हैं।
ऐसा ही एक मामला है गरीब ठेला चालक का, जो झोपड़ी में रहता है। क्षतिपूर्ति के नाम पर योगी सरकार उससे वसूली करना चाहती है, वो भी थोड़ी बहुत राशि नहीं, 21 लाख रुपए से ज्यादा की।
योगी सरकार के इसी फैसले से नाराज होते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- ‘झोपड़पट्टी निवासी ठेला चालक को उप्र की सरकार ने रु 21.76 लाख की क्षतिपूर्ति न कर पाने की दशा में गिरफ़्तार कर लिया है.
अमीरों की भाजपा सरकार ये जान ले कि ग़रीब के पास अगर इतना होता तो वो आपके ‘झूठे मुक़दमों की सच्ची वसूली’ के ख़िलाफ़ उल्टा ‘ठोकू सत्ता’ पर ही मुक़दमा ठोक देता।’
झोपड़पट्टी निवासी ठेला चालक को उप्र की सरकार ने रु 21.76 लाख की क्षतिपूर्ति न कर पाने की दशा में गिरफ़्तार कर लिया है.
अमीरों की भाजपा सरकार ये जान ले कि ग़रीब के पास अगर इतना होता तो वो आपके ‘झूठे मुक़दमों की सच्ची वसूली’ के ख़िलाफ़ उल्टा ‘ठोकू सत्ता’ पर ही मुक़दमा ठोक देता. pic.twitter.com/9Nj7E6skd4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 7, 2020
योगी सरकार के मनमाने फैसले पर सवाल उठाने के बजाय तमाम अखबार और टीवी चैनल इसे सख्त कार्यवाई के रूप में पेश कर रहे हैं। मीडिया के इसी नतमस्तक रवैए की वजह से तमाम गरीबों को सरकारी ज्यादती का सामना करना पड़ रहा है।