2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरु है। सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच जिला पंचायतों पर कब्जे के लिए जबर्दस्त टक्कर जारी है।

अभी दोनों दलों की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की घोषणा जारी है।

इसी बीच भाजपा ने उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एक ऐसे उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है जो हत्या का आरोपी है। इसके बाद सियासी माहौल गर्मा गया है।

काफी दिनों से चले आ रहे जोर आजमाइश और माथापच्ची के बाद उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने औरास द्वितीय से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

सोशल मीडिया पर उन्नाव जिला पंचायत के भाजपा प्रत्याशी को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है। भाजपा के इस फैसले को महिला विरोधी फैसला बताया जा रहा है।

सबसे पहले तो आश्चर्यजनक बात यह है कि अरुण सिंह जैसे आरोपी को जिला पंचायत सदस्य का ही टिकट भाजपा ने किस आधार पर दे दिया?

इसके पहले भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जब उन्नाव जिला पंचायत के उम्मीदवारों की सूची जारी की तो उसमें बलात्कार के सजायाफ्ता कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर का नाम भी शामिल था। काफी विरोध के बाद संगीता सेंगर का टिकट काट दिया गया।

वहीं बलात्कार पीड़िता के हत्या के नामजद आरोपी अरुण सिंह बड़े ही रसूख वाला व्यक्ति बताया जाता है। अरुण सिंह यूपी सरकार में मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह का दामाद है।

वहीं भाजपा द्वारा अरुण सिंह को टिकट दिए जाने के बाद उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने वीडियो जारी कर पूछा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार को साफ करना चाहिए कि वो मेरे साथ है या कुलदीप सेंगर जैसे लोगों के साथ?

पीड़िता ने कहा कि भाजपा मेरे पिता की हत्या के नामजद आरोपियों को टिकट दे रही है। गैंगरेप पीड़िता ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी अरुण सिंह से अब भी उसके जान को खतरा है।

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