‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारा महज एक जुमला था? हर दिन महिलाओं पर होते अत्याचारों को देख हर जागरूक नागरिक ये सवाल करता होगा। क्योंकि जिस जोर शोर से इस नारे को उठाया गया उसकी अब पोल धीरे धीरे खुलने लगी है। चाहे वो कठुआ और उन्नाव गैंगरेप पर बलात्कारी का समर्थन करना हो या फिर शाहजहांपुर में बीजेपी नेता स्वामी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगना, इन सभी के तार बीजेपी से ही जुड़ा हुआ।
अब ताजा मामला दिल्ली का है जहां बीजेपी ने इन्हें दिल्ली में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ अभियान के संयोजक पद से हटा दिया है। इससे पहले पार्टी ने पहले उसके पति और महरौली के जिला अध्यक्ष, आजाद सिंह को कथित रूप से थप्पड़ मारने के लिए हटा दिया था।
दरअसल राजधानी दिल्ली में बीते 19 सितंबर को महरौली ज़िले के BJP प्रमुख आजाद सिंह ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अपनी पत्नी एवं दक्षिण दिल्ली की पूर्व मेयर की ज़ोरदार पिटाई की थी।
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बीजेपी नेताओं ने बताया कि दोनों के बीच लंबे समय से कलह चल रही है और सिंह ने पत्नी सरिता चौधरी से तलाक के लिए मामला दायर किया हुआ है। दोनों के बीच यही कलह उस वक्त सामने आ गई जब पार्टी की बैठक में दोनों का सामना हो गया। पार्टी की बैठक के बाद सिंह जैसे कार्यालय से बाहर निकले तो उन्होंने पत्नी सरिता चौधरी पर हमला बोल दिया था।
अब हैरान करने वाली बात ये है कि बीजेपी नेता ने जिसकी पिटाई की अब उसी को बेटी बचाओ अभियान के संयोजक पद से हटा दिया गया है।
BJP has removed Sarita Chaudhary from the post of convenor of 'Beti Bachao, Beti Padhao' campaign in Delhi. The party had earlier removed her husband and Mehrauli district president, Azad Singh for allegedly slapping her.
— ANI (@ANI) September 24, 2019
हो सकता हो कि ये एक्शन अनुशासन तोड़ने के लिए लिया गया हो। मगर सवाल ये उठता है कि बीजेपी ने इससे पहले उन्नाव और कठुआ गैंगरेप मामले में तेजी क्यों नहीं दिखाई थी।