“हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती।” अकबर इलाहाबादी ने ये शेर वर्षों पहले कहा था, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर एकदम सटीक बैठता है। बीजेपी दूसरों को जो नसीहत देती है, वो ठीक उसके उलट करती है। बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कहते हैं कि परिवारवाद की राजनीती नहीं होनी चाहिए, लेकिन खुद बीजेपी परिवारवाद की राजनीती को पूरी तन्मयता से निभा रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को अपनी पहली 125 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। 125 में से पार्टी ने 19 सीटों पर BJP के कद्दावर नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिया है। इस तरह से बीजेपी का हर छठा उम्मीदवार पार्टी के किसी न किसी नेता का बेटा-बेटी, बहु-पत्नी, भाई-भतीजा हैं।

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ये वही बात है कि BJP जिस परिवारवाद (Dynasty) की राजनीती का आरोप अपने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों पर लगाती है, परिवारवाद का प्रचार करती है, प्रधानमंत्री मोदी अपने विरोधियों पर परिवारवाद का आरोप लगाकर ‘कोसते’ नहीं थकते हैं। अब वहीं परिवारवाद का काम खुद बीजेपी कर रही है, महार इसपर न तो पीएम मोदी बोलेंगे और न ही अमित शाह।

बीजेपी ने परली विधानसभा से पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकज मुंडे को प्रत्याशी बनाया है। ठीक ऐसे ही खामगांव सीट से पूर्व मंत्री भाऊसाबह फुंडकर के बेटे आकाश फुंडकर को टिकट दिया है। एरोली सीट से पूर्व मंत्री गणेश नाईक के बेटे संदीप नाईक को टिकट दिया गया है। अकोला सीट से पूर्व मंत्री मधुकर पिचाड के बेटे वैभव पिचाड को टिकट दिया गया है।

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यही नहीं बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद से लेकर पूर्व विधायक के बेटे-बेटी और रिश्तेदारों तक को टिकट दिया है। बीजेपी ने हिंगाना सीट से पूर्व सांसद दत्ता मेघे जे बेटे समीर मेघे को टिकट दिया है। तुलजापुर सीट से पूर्व सांसद पद्मसिंह के बेटे राणा जगजीत सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। इसी तरह से ये लिस्ट बहुत लम्बी है।

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