उत्तर प्रदेश में अराजक तत्वों का बोलबाला है। ये कभी किसी को भीड़ बनकर पीट पीटकर ह त्या कर देते है तो कभी किसी यात्रा के बहाने किसी अराजकता को फ़ैलाने की कोशिश करते है। इसके बावजूद योगी सरकार का कहना रहता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सबसे अच्छी है। मगर राजधानी लखनऊ से कुछ किलोमीटर दूर हरदोई के शिव-मंदिर पर हुआ हमला, योगी सरकार की चुस्त कानून व्यवस्था की पोल खोलती है।

दरअसल न्यूज़ 18 के अनुसार, मामला हरदोई के सुभाष नगर मोहल्ले का है। जहां एक शिव मंदिर में अज्ञात अराजक तत्वों ने शिवलिंग को तोड़ दिया। हैरान करने वाली बात ये है कि इस भीड़ का नेतृत्व कोई और नहीं बल्कि राष्ट्रवादी और सत्ताधारी दल के BJP नेता अरुण मौर्य कर रहें थे।

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खबर अनुसार भाजपा नेता अरुण मौर्य ने कुशवाहा समाज के लोगों के साथ एक मीटिंग की थी। जिसमें कुशवाहा समाज की भूमि पर मंदिर बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई इसी मीटिंग के बाद शिवलिंग को तोड़ दिया गया जिसके बाद लोग गुस्सा में आ गए और भीड़ इकट्ठा हो गई।

मामले की गंभीरता को देखते ही पुलिस ने इलाके में भारी पुलिसबल की तैनाती की और मंदिर के पुजारी के कहने पर बीजेपी नेता समेत 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इस मामले पर एएसपी कुंवर ज्ञानजंय सिंह ने बताया कि कुश आश्रम की जमीन पर लोगों द्वारा मन्दिर बनाकर कब्जा किये जाने के विवाद की जानकारी हुई है। तोड़फोड़ को लेकर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। मोहल्लें के लोगों की तहरीर पर मामला दर्ज कर दिया गया है।

बता दें कि बीजेपी नेता अरुण मौर्य योगी कैबिनेट के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी बताए जा रहें है। जिनपर पुलिस ने जमीन कब्जाने के लिए और मूर्ति तोड़ने FIR दर्ज की है, उनके साथ 200 लोगों पर भी FIR दर्ज हुई है इन सभी पर मामला दर्ज हुआ है।

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