सीबीआई के दो अफसरों में छिड़ी जंग में नया मोड़ आया है। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा अपने नंबर दो यानी की स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को सस्पेंड करवाने की दिशा में आगे बढ़ रहे।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आलोक वर्मा ने मोदी सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें राकेश अस्थाना को सस्पेंड करने बात करते हुए कहा है वो नैतिक पतन का एक स्त्रोत है।

दरअसल दिल्ली में सियासी भूचाल तो बहुत आते है मगर इतिहास में पहली बार जांच एजेंसी की लड़ाई सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक फ़ैल गई। जबतक कोई कुछ समझ पाता उससे पहले राकेश अस्थाना के खिलाफ रपट दर्ज हो चुकी थी और शाम होते होते उनके सहयोगी सीबीआई डीएसपी देवेन्द्र कुमार को गिरफ़्तारी भी हो गई।

फिर शाम होते होते अब एक और ख़बर आई सीबीआई ने अपने दफ्तर में छापेमारी की है। बात को बढ़ता देख पीएम मोदी ने बिना देरी किये दोनों अधिकारियों अलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को अपने यहां तलब किया।

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सीबीआई के बयान के मुताबिक, देवेंद्र कुमार के खिलाफ मामला सतीश साना से जुड़ा है जो मोइन कुरैशी मामले में एक गवाह हैं। बयान के मुताबिक ये पाया गया है कि जिस दिन साना का बयान लेना बताया गया है उस दिन साना दिल्ली में ही नहीं थे।

वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के करीबी कहे जाने वाले और उन्हें गोधरा दंगों की आग से बचाने वाले राकेश अस्थाना ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें इस मामले में प्रताड़ित और हतोत्साहित करने के लिए उनके खिलाफ जानबूझकर एक दुर्भावनापूर्ण मुहिम चलाई जा रही है। अस्थाना कैबिनेट सचिव के अलावा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को भी पत्र लिखा है।

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गौरतलब हो कि राकेश अस्थाना को पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई का स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। सीबीआई में यह उनकी दूसरी पारी है। इससे पहले वह अतिरिक्त निदेशक के पद पर काम कर चुके हैं।

वडोदरा और सूरत के पुलिस कमिश्नर रहे राकेश अस्थाना को पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी भी माना जाता है।

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