योगीराज में फैली अव्यवस्था और बेरोज़गारी के कारण लाखों परिवारों का जीवन संकट में आ गया है। इनमें से एक बरेली के मृतक मनोज का परिवार भी है। मनोज पिछले डेढ़ साल से बेरोजगार था जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।

उसकी लाश घर में लटकी रही, और उसके बच्चे बच्चे भूख से बिलखते रहे। जब बच्चों को भूख बर्दाश्त न हुई तो उन्होंने पड़ोसी के पास जाकर खाना मांगा और बताया कि वो 3 दिन से भूखे हैं।

बच्चों ने ये भी बताया कि उनके पिता ने फांसी के फंदे से लटककर अपनी जान दे दी।

एबीपी न्यूज़ की खबर के अनुसार, मनोज नोएडा में नौकरी करता था और लॉकडाउन के बाद वो बेरोजगार हो गया। पिछले डेढ़ साल से कोई कामकाज न मिलने के कारण वो बहुत दुखी था।

आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसकी बीवी 5 दिन पहले अपने 6 साल के बेटे और 4 साल की बेटी को मनोज के पास छोड़ कर चली गई। इसके बाद मनोज ने आत्महत्या कर ली।

कोरोना महामारी और उसके कारण लगे लॉकडाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा था।

केंद्र और यूपी सरकार भी इस आपदा से निपटने में सफल नहीं रही। इसकी गवाही तो खुद अप्रैल महीने में श्मशानों में जल रही लाशें दे रही थीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की जीडीपी में भारी गिरावट आई है, तो वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी है। मनोज की तरह और भी बहुत से परिवार इससे प्रभावित हुए हैं।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, साल 2011 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश की जीडीपी 6.9% की दर से बढ़ रही थी।

लेकिन 2017 से 2020 के बीच यह घटकर 5.6% की दर पर आ गिरी। राज्य में बेरोजगारी भी ढाई गुना से ज़्यादा से बढ़ी है। इसका मतलब साफ है कि सरकार केवल महामारी को इस विफलता का कारण नहीं बता सकती।

अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में बेरोजगारी और भुखमरी की खबरें योगी सरकार को चेतावनी दे रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here