उत्तर प्रदेश और बिहार में बीते दिनों कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा काफी बढ़ गया था। जिसके चलते मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए शवदाह ग्रहों और कब्रिस्तान में जगह नहीं मिल पा रही थी।

ऐसे में लोगों ने नदियों में ही शवों को बहाना और दफ़न करना शुरू कर दिया। जिसकी दिल दहला देने वाली तस्वीरें देखने को मिल चुकी हैं।

अब खबर सामने आ रही है कि गंगा नदी के किनारे दफन किए गए शवों पर जो लाल रंग का कपड़ा डाला जाता है। वो हटवाया जा रहा है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है।

बताया जाता है कि अफसरों की मौजूदगी में गंगा घाटों पर सफाईकर्मियों से ये काम करवाया जा रहा है। दरअसल शवों की पहचान के लिए उनके किनारे पर लकड़ी गाडी गई थी।

दरअसल बीते दिनों गंगा किनारे बड़ी तादाद में शव दफन किए गए हैं। जोकि योगी सरकार के कुप्रबंधन पर बड़ा सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा लाल पीले कपड़ों को शवों से हटा दिया गया है। ताकि शवों की पहचान न हो पाए।

बताया जाता है कि प्रशासन द्वारा गंगा किनारे दफनाए गए उन शवों का अंतिम संस्कार करने की कोशिश भी की गई है। जो रेत से बाहर आ चुके हैं।

गौरतलब है कि योगी सरकार अपनी छवि को बचाने के लिए मृतकों को भी नहीं बख्श रही है। सरकार दोबारा यह कदम इसलिए उठाया जा रहे हैं।

ताकि ड्रोन कैमरे के जरिए गंगा किनारे दफन किए गए शवों का कोई नामोनिशान सामने ना आए। जिससे कि सरकार पर मौतों को आंकड़ों को लेकर सवाल उठ सके।

दरअसल अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में अभी से ही भाजपा लोगों को अपने पाले में लेने में जुट गई है। ये कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपने चुनावी फायदे के लिए मृतकों के परिवारों की भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है।

भले योगी सरकार द्वारा यूपी में हुए मौत के तांडव को छुपाने की जितने मर्जी कोशिश की जाए। लेकिन ऐसा कर पाने में सरकार कामयाब नहीं हो पायेगी।

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