यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में हमारे राज्य में सब ऑल इज वेल है लेकिन सच्चाई क्या है, ये हम आपको बता रहे हैं।
पिछले कुछ दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के कुछ कोविड सेंटरों का दौरा किया था, जिसका खूब प्रचार प्रसार किया गया। हेडलाइंस मैनेजमेंट का खेल जोरदार तरीके से खेला गया लेकिन अब ये कोविड सेंटर बंद हो चुके हैं। इनमें ताला लग चुका है।
कांग्रेस प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि “अब तो यह साबित हो गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कोविड सेंटर के दौरे पीआर स्टंट से ज्यादा कुछ भी नहीं है। दो दिन पहले योगी नोएडा के जिन कोविड सेंटरों का दौरा करके गए थें, वहां पर अब ताले लटक चुके हैं।”
अब यह साबित हो चुका है कि योगी आदित्यनाथ के कोविड दौरे PR स्टंट से ज़्यादा कुछ नहीं है ।
दो दिन पहले योगी जी #नॉएडा के जिन सेंटरों का दौरा करके गए थे वहां अब ताले पड़े हैं ।
वैसे ताले तो पूरे उत्तर प्रदेश की व्यवस्था पर ही पड़ चुके हैं ! https://t.co/bMifCiTuR7
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) May 20, 2021
यूपी सरकार को घेरते हुए पंखुड़ी ने लिखा है कि वैसे ताले तो पूरे उत्तर प्रदेश की व्यवस्था पर ही पड़ चुके हैं।
मालूम हो कि 16 मई को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर, मेरठ और गाजियाबाद का दौरा किया था।
इस दौरान सीएम योगी ने कई कोविड सेंटर्स का निरीक्षण किया था। खबर है कि जिन कोविड सेंटर्स पर सीएम योगी गए थें, उनमें से दो कोविड सेंटर्स अब बंद हो चुके हैं।
सीएम योगी नोएडा के सेक्टर 16 ए स्थित एनटीपीसी गए थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया को इन कोविड सेंटर्स की जानकारी दी थी।
इसके बाद सीएम सेक्टर 45 स्थित कोविड सेंटर का निरीक्षण करने गए थे लेकिन बाद में पता चला कि जितनी देर तक मीडिया के कैमरे थें, उतनी ही देर के लिए ये कोविड सेंटर थे।
2 दिन के बाद जब लोग इन कोविड सेंटर्स पर गए तो वहां पर ताला लटका पड़ा था। आगे, पीछे, अगल, बगल के जितने भी रास्ते हैं, सब बंद है।
कोई जवाब देने वाला भी नहीं है कि जिस कोविड सेंटर पर दो दिन पहले तक राज्य के सीएम दौरा करने आए थे, वो बंद क्यों हो गया? यहां तक कि कोविड सेंटर के मुख्य द्वार पर कोई गार्ड भी मौजूद नहीं है, जिससे कुछ पूछा जा सके।
ये हकीकत है उत्तर प्रदेश की। देश के सबसे बड़े राज्य में मेडिकल व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। राज्य सरकार को काम पर कम और हेडलाइंस मैनेजमेंट, पीआर स्टंट इन सभी पैंतरों पर ज्यादा भरोसा है।