कर्नाटक में जातिवाद का एक और उदाहरण देते हुए एक समुदाय विशेष केअराजक लोगों ने भाजपा सांसद ए. नारायणस्वामी को अपने गांव में घुसने की इजाज़त नहीं दी। उनका कहना है की सांसद “अछूत” हैं। संविधान द्वारा समाप्त की गई इस कुरीति को आज भी देश के कई हिस्सों में माना जाता है।

दरअसल, चित्रदुर्गा से भाजपा संसद ए. नारायणस्वामी अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव का निरीक्षण करने निकले थे। उनके साथ कईं डॉक्टर और अधिकारी भी थे। लेकिन गोला समुदाय के लोगों ने सांसद को गांव के अंदर नहीं आने दिया। उनका कहना है कि नारायणस्वामी एक दलित होने के कारन “अछूत” हैं।

जिस क्षेत्र में सांसद के साथ ऐसा व्यहवार हुआ है उसका नाम है गोलारहट्टी। उन लोगों से बहस करने के बावजूद नारायणस्वामी अंदर नहीं जा पाए और अपनी कार में बैठ कर वहां से चले गए। ये मामला सोमवार का है।

एसपी का कहना है की अभी तक ये साफ़ नहीं हो पाया है कि किसने भाजपा सांसद को गांव के अंदर जाने से रोका था। उनको केवल ये जानकारी है कि सांसद को एक दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने अंदर जाने से रोका था और मामले पर इंस्पेक्टर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

आपको बता दें कि चित्रदुर्गा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। ऐसा होने के बावजूद अगर एक दलित सांसद को यहाँ के एक गांव में घुसने नहीं दिया गया, तो फिर आम जनता के साथ क्या होता होगा? दलितों को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी कई बयान देते रहते हैं। लेकिन उनके “न्यू इंडिया” में भी अभी जातिवाद नाम की ये पुरानी कुरीति है जिसे जितना अमानवीय कहा जाए उतना ही कम है।

1 COMMENT

  1. Why FIR is not yet registered by the karnataka Police. MLA should resign as he fails to maintain his self respect .He should have been acted constitutionaly as soon as he was not allowed to enter in the village.

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