यूपी और देश के जाने माने चिकित्सक डॉ कफील खान का मानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। राजनीतिक वजहों से सस्पेंड चल रहे डॉ कफील खान ने कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए अपना निलंबन खत्म करने की मांग सीएम योगी आदित्यनाथ से की है।

डॉ कफील ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा है कि उनके पास 15 सालों का आईसीयू का अनुभव है, जो इस संकट के समय में मरीजों के काम आ सकता है।

डॉ कफील ने अपने पत्र में कहा है कि इसी मामले में बीआरडी के पूर्व प्राचार्य प्रो राजीव मिश्रा एवं मेंटनेंस प्रभारी डॉ सतीश कुमार का निलंबन भी पिछले साल ही खत्म किया जा चुका है सिर्फ उन्हें ही वापस बहाल नहीं किया जा रहा।

डॉ कफील ने कहा कि उन्होंने 36 से भी ज्यादा पत्र लिखे हैं, बावजूद इसके स्थानीय अधिकारी भेदभावपूर्ण नीति अपना रहे हैं और उनका निलंबन वापस नहीं कर रहे हैं।

डॉ कफील ने साफ किया कि विभिन्न जांच अधिकारियों की रिपोर्ट एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में उन्हें लापरवाही और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 07 मार्च, 2019 को एवं सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई 2019 को ही उनके निलंबन पर विचार करने को कहा था लेकिन आज 1300 दिन से ज्यादा हो गए और वो आज भी सस्पेंड हैं।

उन्होंने कहा कि मैं देश के नागरिकों की सेवा करना चाहता हूं। मैं किसी दूसरे अस्पताल या व्यवसाय से नहीं जुड़ा हुआ हूं। लिहाजा मुझे कोरोना महामारी के समय लोगों की सेवा का अवसर दें और चाहे तो कोरोना महामारी के बाद मुझे फिर से सस्पेंड कर दें।

 

मालूम हो कि डॉ कफील को कई सालों से सरकारी प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है।

2017 के अगस्त में जब गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की वजह से 60 से ज्यादा बच्चों की मौतें हो गई थी, तब भी बिना वजह डॉ कफील को लपेटे में ले लिया गया और उन्हें सस्पेंड कर दिया।

हालांकि इसके बाद जितनी भी जांच सरकार ने करवाई, डॉ कफील उसमें बेदाग निकलें।

देश में कहीं भी बाढ़ हो, भूकंप हो, महामारी हो या त्रासदी हो। गले में टाई लगाए ये शख्स आपको गरीबों की सेवा करते हुए मिल जाएगा।

एक बार फिर जब कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश और उत्तर प्रदेश परेशान है, डॉ कफील ने सरकार से लोगों की सेवा करने का मौका मांग कर अद्वितीय मिसाल पेश की है।

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