देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में अब थोड़ी समय ही शेष रह गया है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की लगातार फजीहत और विरोध के मामले सामने आने शुरु हो चुके हैं.

लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिसमें क्षेत्र में जाने के बाद जनता द्वारा भाजपा का विरोध शुरु हो जा रहा है.

ताजा मामला मेरठ की सिवालखास विधानसभा क्षेत्र का है. इस सीट से भाजपा विधायक जितेंद्र सतवाई क्षेत्र के करनावल इलाके में एक सड़क का लोकार्पण करने गए थे.

इसी दौरान विधायक के सामने ही लोगों ने बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरु कर दिए. घटना रविवार के देर शाम की है. प्रदर्शन के दौरान लोगों के हाथों में काले झंडे भी थे.

विधायक और बीजेपी के खिलाफ ये नारेबाजी तब तक चलती रही जब तक लोगों ने विधायक की गाड़ी को खदेड़ नहीं दिया.

इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहें लेकिन वो मूकदर्शक बनें रहें, इधर लोग मुर्दाबाद मुर्दाबाद की नारेबाजी करते रहें.

बताया जा रहा है कि विरोध करने वाले लोग स्थानीय किसान थे और भारतीय किसान यूनियन से संबंधित थे.

किसानों के विरोध की सूचना पुलिस प्रशासन के पास पहले से थी, पर पुलिस प्रशासन ने इसे हल्के में लिया. यही वजह रही कि भाजपा विधायक के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर गए.

पुलिस ने जैसे तैसे मशक्कत करते हुए विधायक की गाड़ी को किसानों की भीड़ से निकाल कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारी पुलिस की सख्ती के बावजूद कार्यक्रम स्थल के बाहर पहुंच कर नारेबाजी करने लगे. इसे लेकर पुलिस के हाथ पांव फूल रहे थे.

किसानों के बढ़ते विरोध को देखते हुए आनन फानन में आसपास के दूसरे थानों से भी पुलिस बुलाकर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने के बावजूद किसानों ने पुलिस को चकमा दिया और सख्ती के बावजूद वो कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में कामयाब रहें.

विधायक जितेंद्र सिंह सतवाई ने इस विरोध को गलत बताते हुए कहा कि ये कोई तरीका नहीं है किसी के विरोध का. मैं भी किसान का बेटा हूं.

मैं भी किसानों की समस्याआेंं से परिचित हूं. मैंने हमेशा किसानों की बात की है और किसानों की समस्याओं को सदन में उठाने का काम किया है.

मालूम हो कि सड़क लोकार्पण के इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद सत्यपाल सिंह को भी पहुंचना था लेकिन किन्हीं कारणों से उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. वहीं भारतीय किसान यूनियन ने पहले से ही इस कार्यक्रम को लेकर अपने विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी.

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