जेएनयू में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट होने के बाद नजीब अहमद (Najeeb Ahmad) को गायब हुए 3 साल पूरे हो चुके हैं। इस बीच ना तो पुलिस ने बहुत सहयोग किया है और ना ही सीबीआई ने।

अदालतों द्वारा बार-बार फटकार लगाए जाने के बाद नजीब मामले में थोड़ी बहुत सक्रियता दिखाई जाती है लेकिन कुछ ही दिनों में लीपापोती करके मामले को फिर से दबा दिया जाता है।

पिछले 3 साल से लगातार जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होते रहे, कई बार सीबीआई हेडक्वार्टर भी घेरा जा चुका है। इन तमाम प्रोटेस्ट की अगुवाई खुद नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस करती रही हैं।

15 अक्टूबर 2016 की रात नजीब अहमद की एबीवीपी कार्यकर्ताओं से हुई झड़प के बाद से उनका अता पता नहीं है। एक मां पिछले 3 सालों से लगातार संसद की सड़कों से लेकर सीबीआई हेड क्वार्टर तक जाकर गुहार लगाती रहती है कि उसके बेटे को ढूंढकर ले आया जाए लेकिन सरकार, पुलिस और सीबीआई बेहद ही संवेदनहीनता से मामले को डील करते हैं।

अब जब नजीब की गुमशुदगी के 3 साल पूरे हो गए तो इस बार नजीब की मां का साथ देने के लिए तमाम पीड़ित परिवारों के लोग इकट्ठा हो रहे हैं, जिनको दक्षिणपंथी उन्माद की वजह से अपने परिवार के किसी सदस्य को खो देना पड़ा है।

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के आवास का घेराव करने जा रहे फातिमा नफीस ने ट्वीट किया है- अमित शाह जी आपका बेटा बीसीसीआई का सेक्रेटरी बन गया, बधाई हो। आपको मेरे बेटे नजीब अहमद के बारे में भी कुछ जवाब देंगे?

गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह के बेटे को बीसीसीआई (BCCI) का सेक्रेटरी बनाया गया है। इतना बड़ा और जिम्मेदार पद उस शख्स को दिया गया है जिसका नाम अक्सर विवादों में रहता है।

ठीक 2 साल पहले रोहिणी सिंह ने द वायर पर एक लेख के जरिए खुलासा किया था कि कैसे अमित शाह के बेटे की कंपनी की वैल्यू 16 हजार गुना बढ़ गई थी, वो भी कुछ ही महीनों में।

अब जब गृहमंत्री के बेटे के दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति हो ही रही है तो एक मां अपील कर रही है कि उसके बेटे को ढूंढने में भी मदद की जाए।

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