केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों कोरोना काल में मुफ्त अनाज वितरण का खूब ढिंढोरा पीट रही है. खुद पीएम मोदी अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने मुफ्त राशन योजना को देश की जनता तक पहुंचाया है.
यूपी की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने 15 करोड़ लोगों तक फ्री राशन पहुंचाया है. सीएम योगी का दावा है कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोग सीधे सीधे लाभान्वित हो रहे हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीटर के जरिए बताया है कि पीएम जीकेएवाई विश्व का सबसे बड़ा अन्न वितरण अभियान है. योगी ने बताया है कि पीएम मोदी के विजन का यह परिणाम है कि शताब्दी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की प्रथम लहर में अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 और अब दूसरी लहर में मई 2021 से नवंबर 2021 तम इस योजना के तहत निःशुल्क अनाज का वितरण हो रहा है.
सीएम योगी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना के तहत मई 2021 से अकेले उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं. इस योजना का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिल सके, इसके लिए इस योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए सभी को सुरक्षित वॉटर प्रूफ झोली भी पकड़ा दी.
सीएम योगी के इस दावे पर पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने प्रहार करते हुए कहा है कि ‘यूपी की कुल आबादी 21 करोड़ है. इस 21 करोड़ की आबादी में से 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन दिया गया है. इसका मतलब साफ है कि आपने यूपी के 15 करोड़ लोगों को भूखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है.
21करोड़ की जनसंख्या में से 15 करोड़ को फ्री राशन।
इसका मतलब यह कि प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को आपने भुखमरी के कगार पर धकेल दिया। साथ ही वॉटरप्रूफ झोली भी पकड़ा दी।
बधाई हो, योगी जी। pic.twitter.com/xeuD3Hakhb
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) August 5, 2021
सूर्य प्रताप सिंह ने सीएम योगी को बधाई देते हुए कहा कि आपने जहां 21 करोड़ में से 15 करोड़ लोगों को भूखमरी के कगार पर पहुंचा दिया तो वहीं उसके साथ ही वॉटर प्रूफ झोली भी पकड़ा दिया है.
योगी सरकार का दावा है कि यूपी की 21 करोड़ की आबादी में से 15 करोड़ जनसंख्या तक मुफ्त अनाज पहुंचाया है. यह आंकड़ा उत्साह पैदा करने वाला है या निराश करने वाला, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी मांग कर खाने को विवश है.
जिस देश के सबसे बड़े प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी इस समय मुफ्त के अनाज से अपना पेट भर रही है, उस देश और प्रदेश के नागरिकों की वर्तमान स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.