उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यह ऐलान किया है कि उनके राज्य में ऑक्सीजन और वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।

इसके बावजूद राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है। क्यूंकि अस्पतालों में कोरोना मरीज ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए दम तोड़ रहे हैं।

इसी बीच खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनाव पंचायत के कारण राज्य के 135 शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों की मौत हो गई है। जो कि पंचायत चुनावों से संबंधित ड्यूटी पर कार्यरत थे।

बताया जाता है कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव का को तत्काल ही स्थगित करने के साथ मृतकों के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता और अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है।

इस संदर्भ में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है।

जिसमें कहा गया है कि राज्य में कोरोना महासंकट के दौरान करवाए जा रहे चुनावों के कारण संक्रमण बुरी तरह से फैल रहा है। क्योंकि चुनावों में नेताओं और लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

इस मामले में पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि

किस पर गैरइरादतन हत्या का मुकदमा होगा? कोई बताएगा? कोरोना काल में यूपी पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशकों की मृत्यू हो गयी है”

 

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण और ड्यूटी के बाद अब तक उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मौतों के आंकड़े बढ़ गए हैं।

इस चुनाव में जिन शिक्षकों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। उनके परिवारों में पहले से ही बेचैनी बनी हुई थी। अब इस खबर के सामने आने के बाद योगी सरकार एक बार फिर से सवालों के कटघरे में आ खड़ी हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here