यूं तो यूपी में महिला सुरक्षा के ढेरो दावे किए जाते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश में महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं है।

कासगंज से एक महिला पुलिस कांस्टेबल के उत्पीड़न की खबरें सामने आ रही है।

खबर है कि थानाध्यक्ष के उत्पीड़न से त्रस्त होकर महिला कांस्टेबल ने पुलिस क्वार्टर में ही फांसी लगाने की कोशिश की। मामला कासगंज के सहावर थाने का है।

घटना सोमवार की है। दोपहर 1 बजे के करीब महिला कांस्टेबल वैशाली पुंढीर ने पुलिस क्र्वाटर के अपने कमरे में फांसी लगाने की कोशिश की और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।

जैसे ही यह वीडियो दूसरी महिला पुलिसकर्मियों ने देखा, तुरंत सभी उसके कमरे की और दौड़े और उसकी जान बचाई गई।

किसी तरह से सहकर्मियों ने महिला कांस्टेबल को फांसी के फंदे से उतारा और उसकी जान बचाई. महिला अब भी अस्पताल में भर्ती है और जिंदगी-मौत से जूझ रही है।

महिला कांस्टेबल ने फांसी लगाने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उन्होंने कहा है कि थानाध्यक्ष उनका उत्पीड़न कर रहा है।

सुसाइड नोट में लिखा गया कि वो थानाध्यक्ष से परेशान होकर सुसाइड करने जा रही है. मेरी मौत का जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ थानाध्यक्ष होगा।

अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाने वाले रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर महिला कांस्टेबल का वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि “अब सड़कों पर तो छोड़िए, थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है”

महिला कांस्टेबल ने अपने वीडियो में कहा है कि थानाध्यक्ष रमेश कुमार मीणा से सिर्फ वो ही नहीं बल्कि अन्य महिला पुलिसकर्मी भी परेशान हैं और उसके उत्पीड़न का शिकार है।

सुसाइड की कोशिश का मामला सामने आते ही यूपी पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आनन फानन में अस्पताल में भर्ती महिला कांस्टेबल से मिलने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और उनका हालचाल लिया।

वहीं थानाध्यक्ष रमेश कुमार मीणा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि सोमवार का वैशाली की ड्यूटी बैंक में लगाई गई थी। वह अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर थीं।

जब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई और उनकी गैरहाजिरी की रिपोर्ट बनाई गई। दबाव बनाने के लिए वैशाली ने ये कदम उठाया है।

महिला सुरक्षा को लेकर यूपी के हालात बड़े नाजुक है। महिला सुरक्षा को लेकर तमाम दावे अब तक खोखले ही साबित हुए हैं।

ये बड़ा सवाल है कि अगर महिला पुलिस भी इस प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाओं का क्या हाल होगा, सहज अंदाजा लगाया जा सकत है।

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