जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से पिछले दो साल से लापता छात्र नजीब का केस अब सीबीआई ने बंद करने की ठान ली है। इसलिए सोमवार को नजीब की गुमशुदगी की क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई है।

वहीं दूसरी तरफ आज नजीब की माँ ने मंडी हाउस से सांसद मार्ग तक एक मार्च निकाला जिसमें जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई छात्र और शिक्षक उनका साथ देते नज़र आए।

नजीब की माँ फातिमा नफीस ने बोलता हिंदुस्तान से बात करते हुए कहा कि मुझे भारत के कानून पर पूरा भरोसा है और सीबीआई ने मेरे बेटे का केस तो बंद कर दिया मगर ये उनकी सबसे बड़ी नाकामी है।

उन्होंने कहा कि देश के मुखिया अपनी माँ से जितनी मोहब्बत रखते हैं उतनी मोहब्बत हर बेटा अपनी माँ से करता है।

उन्होंने कहा कि देश के मुखिया को मेरी आवाज सुनाई नहीं दे रही है? जब तक मुझे नजीब नहीं मिल जाता है तब तक मैं सुकून से बैठने वाली नहीं हूँ।

नजीब की माँ ने कहा कि पिछले दो सालों में दिल्ली का शायद ही ऐसा कोई जगह हो जहां मैं नहीं गई शासन से लेकर प्रशासन जांच एजेंसीयों ने हमारी मदद करने के बजाय हमें गुमराह किया और कोर्ट में बंद लिफाफे में सबकुछ सीबीआई को कम से कम ये तो बताना चाहिए की उसने मेरे बेटे को खोजने में क्या एक्शन लिया।

भले ही मोदी सरकार मेरे साथ न खड़ी हो मगर छात्रों का ये समर्थन जो मुझे मिला उससे बहुत शुक्रिया अदा करती हूँ मगर मैं ये भी बता दूँ की मेरा बेटा जबतक मेरे पास मेरे साथ आकर बैठ नहीं जाता मैं अपनी लड़ाई रोकने वाली नहीं हूँ।

बता दें कि 16 अक्टूबर 2016 को नजीब अहमद से बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मारपीट की थी। जिसके बाद से वह ग़ायब है।

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