भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन भारत के लोकतंत्र से ‘लोक’ गायब है। सिर्फ ‘तंत्र’ ही बचा है। तंत्र का साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ‘मीडिया’ दे रहा है। इसीलिए आज मीडिया से लोक यानि आम जनता और उसके मुद्दे गायब हैं। देश में जो बारीकी से मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं उन्हें मीडिया का प्रोपगेंडा साफ़ समाज में आ रहा है। यही वजह है कि मीडिया से लोगों का मोह भंग हो रहा है।

मीडिया पर चिंता जताते हुए यूपी काडर के सीनियर आईएएस अधिकारी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। 1994 बैच के आईएएस अधिकारी पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, “मैंने 2017 से ही पूरी तरह से किसी भी समाचार चैनल को देखना बंद कर दिया है। मुझे नहीं लगता कि टीवी न देखकर मैंने कुछ खोया है और अब मेरा मानसिक जीवन बहुत बेहतर है। बस कोशिश करो।”

मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बेतहाशा बढ़ रही हैं। दिल्ली समेत पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। मंदी के दौर में लोगों की जेब फिर ढीली हो रही है। प्याज की बढ़ी कीमतों ने आम लोगों की कमर तोड़ ही रखी है। देश में पेट्रोल 79 और प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है, मगर मीडिया के पास बहस करने के लिए हिन्दू-मुस्लिम की डिबेट बची है।

अपनी फसलों के दाम मांगने जब देश के विभिन्न हिस्सों से किसान दिल्ली आते हैं तो मीडिया चुप्पी साध लेता है। वो फिर शाम 4 से रात 10 बजे तक हिन्दू-मुस्लिम, कश्मीर, पाकिस्तान पर बहस करता है। एसएससी के छात्र जब पेपर में गड़बड़ी होने और समय पर रिजल्ट नहीं आने पर प्रोटेस्ट करते हैं तब भी मीडिया उन्हें तव्वजो नहीं डेता।

वर्तमान में देश की GDP 5 फीसदी है जोकि 6 साल में सबसे कम है। भारत एक लंबी मंदी के दौर में है। भारत में इससे ज्यादा तेजी से विकास करने की क्षमता है। मोदी सरकार की चौतरफा कुप्रबंधन से छाई मंदी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मात्र 0.6% की ग्रोथ चिंताजनक बनी हुई है। नोटबंदी और जीएसटी के गलत फैसलों से आई ये GDP बदहाली की स्थिति में है। मोदी सरकार आरबीआई से 1।76 लाख करोड़ रुपये निकाल लेती है फिर भी मीडिया चुप है।

यही वजह है कि जब मीडिया जनता के सवाल नहीं उठता वो सिर्फ सरकारी भोपू बना हुआ है। तो लाजिम है कि पार्थ सारथी सेन शर्मा जैसे लोगों का टीवी समाचार और अखबारों को देखना पढ़ना बंद कर रहे हैं।

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