बिहार की राजधानी पटना में लोग लोग भूखे-प्यासे अपने घरों में कैद हैं। हजारों लोगों का घर भी पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। हेलीकॉप्टर से लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि पटना, पटना में सप्ताह भर से जमा पानी के कारण महामारी फैलने का डर सताने लगा है।
जबकि पटना को पेरिस बनाने का दावा करने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी झोला-बैग लेकर सपरिवार सड़क पर आ गए हैं! सड़क पर खड़े सुशील मोदी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
पटना को ‘पेरिस’ बनाने का दावा करने वाले सुशील मोदी भी झोला लेकर सपरिवार सड़क पर आ गए हैं
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पत्रकार बाढ़ को लेकर सवाल पूछते हैं तो, सीएम नीतीश कुमार मुंबई से लेकर अमेरिका तक की बाढ़ का हवाला देने लगते हैं। लेकिन, पटना की सड़कों और गलियों में जमा बाढ़ के पानी की जिम्मेदारी खुद लेने से बचते रहे। वो ये नहीं मान रहे कि पटना की सीवर और नालियां जाम हो चुकी हैं इसीलिए पानी निकासी के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।
बिहार बाढ़ : रोड पर खड़े दिखे सुशील मोदी, लालू बोले- ग़रीबों का घर उजाड़ने वाले आज रोड पर आ गए
इस सबके बीच उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पटना को बाढ़ में छोड़कर गायब हो चुके हैं। बता दें कि पटना नगर निगम बीजेपी के हाथ में है, जिसके जिम्मे शहर की सड़को से लेकर नाली-सीवर की साफ़ सफाई का जिम्मा होता है।
वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने बिहार और पटना में बाढ़ को लेकर ट्वीटर पर कहा है कि, “सोचिए अगर इस समय लालू प्रसाद यादव बिहार की मुख्यमंत्री होते और प्रशासन इसी तरह से काम कर रहा होता तो। समाचार पत्रों में ‘लालू का जंगलराज’ लिखकर हमले किये जा रहे होते। टीवी एंकर्स चौबीसों घंटे इसको लेकर खबर चला रहे होते। जबकि, बीजेपी और नीतीश कुमार पर कोई उंगली नहीं उठाई जा रही है।”
Imagine if Lalu Yadav had been CM right now with Bihar’s rain havoc & the awful administration it showcases. Forests would be cut down in newsprint attacking “Lalu’s jungle raj”. Anchors would have been bellowing 24/7. Bjp & Nitish Kumar get a free pass
— Swati Chaturvedi (@bainjal) October 3, 2019
दरअसल बिहार के कई इलाकों में कई दिनों की बारिश से अस्पताल, थाना, जेल, मॉल से लेकर हर जगह पानी भर चुका है। इलाकों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण शहर में ही हजारों की संख्या में लोग अपने घरों में फंस गए हैं। ऐसे में एनडीआरएफ और अन्य आपदा प्रबंधन की टीमें युद्धस्तर पर लोगों के रेस्क्यू का काम कर रही हैं।