डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत का असर अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित कर रहा है। रुपये की गिरती कीमतों के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई है। और अक्टूबर में मुद्रा भंडार ने घटने का नया रिकॉर्ड बनाया है।
विदेशी मुद्रा भंडार वो सुरक्षित पैसा होता है जिसे देश में किसी भी तरह के संकट और व्यापर के लिए रखा जाता है। रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले लगातार घट रही है और इस वजह से आयात किये हुए उत्पादों के लिए विदेशी मुद्रा भंडार से पैसा निकालना पड़ रहा है।
अब लगातार इसमें से निकासी के कारण अक्टूबर में विदेशी मुद्रा भंडार 5.143 अरब डॉलर यानि लगभग 37000 करोड़ रुपए घट गया है। ये गिरावट केवल एक हफ्ते में आई है। 2011 के बाद ये पहली बार है जब इतनी तेज़ी से इतना ज़्यादा विदेशी मुद्रा भंडार घटा है।
अब ये घटकर 394.465 अरब डॉलर रह गया। पिछले सप्ताह मुद्रा भंडार 91.58 करोड़ डॉलर घटकर 399.609 अरब डॉलर पर आ गया था।
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गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपया जनवरी से 16 प्रतिशत लुढ़क गया है और पिछले सप्ताह 74.43 पर आ गया है। शुक्रवार को रुपया 73.32 पर बंद हुआ।
इसी के चलते जो विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को समाप्त सप्ताह में 426.028 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। उसमें 31 अरब डॉलर की कमी आई है। स्वर्ण भंडार 7.14 करोड़ डॉलर बढ़कर 20.52 अरब डॉलर पहुंच गया।
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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड, स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।