देश में आपातकाल के वक़्त इंडियन एक्सप्रेस वो अख़बार था जिसने सत्ता के लिए ख़बर लिखने से इनकार कर दिया था। पत्रकारिता में जनसत्ता जैसे (जो इंडियन एक्सप्रेस का ही हिस्सा है) अख़बार अपना अलग स्थान रखते थे। मगर वक़्त बदला, सरकार बदली और प्रधानमंत्री के साथ-साथ संस्थान की पहचान भी अब बदलने लगी है।
सत्ता में बैठे नेताओं से सवाल करना पत्रकारिता का धर्म बताने वाला संस्थान आज खुद ही सरकार के आगे नत्मस्तक है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका से लौटकर वापस देश लौटे तो उनका स्वागत बड़े ही धूमधाम से हुआ। ऐसा लगा जैसे कश्मीर का मामला हल हो गया और अमेरिका ने भारत से कोई बड़ी डील कर ली हो।
बीजेपी का हर नेता पीएम मोदी की वापसी पर खुश था वजह चाहे कुछ हो ना हो मगर वो खुश था। जनसत्ता अखबार भी उन्हीं समर्थकों की तरह इस ख़ुशी में शामिल हुआ जिसमें बीजेपी नेता शामिल हुए थे।
जनसत्ता अख़बार ने सीधे सीधे देश के प्रधानमंत्री को ही महानायक करार दे दिया। अभी तक ये शब्द या कहे उपाधि सिर्फ भारतीय सिनेमा के अभिनेता अमिताभ बच्चन को ही हासिल थी। मगर जनसत्ता ने अब प्रधानमंत्री को महानायक करार दे दिया। इसे तंज भी नहीं जा सकता क्योंकि जिस तरह से खबर लिखी गई उसमें कहीं सवाल नहीं था।
मसलन अमेरिकी दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ? कश्मीर से सेना कब हटेगी? सुस्त पड़ रही अर्थव्यवस्था को क्या पीएम मोदी के मीठे-मीठे बयान ठीक कर सकते है। ऐसे कई सवाल थे जो किये जा सकते थे। मगर भक्ति के इस दौर में जनसत्ता भी उन्हीं संस्थानों में शामिल हो गया जो पहले से ही सरकार के सामने रेंग रहें है।
हालाकिं ये पहला मौका नहीं है जब मीडिया ने अपनी दीवानगी इस तरह से ज़ाहिर की है। आजतक ने पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री मोदी एक पिता की तरह वाले बयान को लेकर सीधे सीधे प्रधानमंत्री मोदी को पापा ही लिख दिया था। मगर जनसत्ता ने तो सबको पीछे छोड़ते हुए महानायक ही लिख दिया।
इस मामले पर शिवम विज ने सोशल मीडिया पर लिखा- यहां तक कि एक बार सोबर जनसत्ता भाजपा का पैम्फलेट बन गया है। झुकने के लिए कहने पर मीडिया रेंगता है।
Even the once sober Jansatta has become a BJP pamphlet. The media crawls when asked to bend. pic.twitter.com/bXIXWkgYWd
— Shivam Vij (@DilliDurAst) September 29, 2019
मोदी सरकार ने मीडिया में अपनी पकड़ जिस तरह से मजबूत की है वो बात किसी से छुपी नहीं है। बिहार बाढ़ को मुद्दा न बनाकर इमरान खान की बीवी पर एक-एक घंटे का शो करना दर्शाता है कि मीडिया कैसे अब सिर्फ झुक नहीं रहा बल्कि रेगने लगा है।