पिछले दिनों CRPF महिला कांस्टेबल खुशबू चौहान (Khushbu Chauhan) ने भाषण देकर सोशल मीडिया पर कोहराम मचा दिया था। उनके बयान की कुछ लोग ने निंदा की तो कुछ लोगों ने तारीफ भी की। मगर सीआरपीएफ ने उनके भाषण के कुछ हिस्से से खुद को किनारे कर लिया था।
खुशबू चौहान ने अपने भाषण में कहा था कि, जो कहता है कि हर घर से अफजल निकलेगा तो मेरी बात सुन लो- जिस घर से अफजल निकलेगा उस घर में घुसकर मारेंगे, वो कोख नहीं पलने देंगे जिस कोख से अफजल निकलेगा।
मां की कोख उजाड़ने की बात करने वाली इस सिपाही को कैसे पता लगेगा कि किस कोख में अफजल है और किस कोख में कलाम? और किसी मां की कोख उजाड़ने का क्या ओचित्य है।
#JNU वाले @kanhaiyakumar के सीने में झंडा गाड़ देने और किसी के मां की कोख उजाड़ देने में कैसी देशभक्ति!
देखें- राष्ट्रवाद के बहाने ज़हरीले बोल की पोल खोल कर रही हैं @TanyaYadav128
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उसी बहस में Assam Rifles के जवान बलवान सिंह ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया था। अब उनका भी बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बलवान सिंह ने कहा- मानवाधिकार वो अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को मिलते हैं, अलग से भारत का संविधान भी नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है। आतंकवाद-नक्सलवाद वाले स्थानों पर शांति स्थापित करने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया जाता है, लेकिन ये भी सच है कि मानवाधिकार आयोग आवाज़ वहीं उठाता है जहां पर इनकी अनदेखी होती है।
सीने में झंडा गाड़ने और मां की कोख उजाड़ने की बात करने वाली सिपाही को निलंबित क्यों नहीं किया गया?
जवान ने कहा साल 2000 से 2012 तक मणिपुर में पुलिस-सुरक्षाबलों में 1000 फर्जी मुठभेड़ दर्ज हुईं। देश में 2016 में पुलिस फायरिंग में 92 नागरिक मारे गए, लाठीचार्ज में भी कई लोगों की मौत। ‘बहादुरी किसी को मारने में नहीं बचाने में होती है, अगर बम-बंदूक के दम पर शांति स्थापित होती तो कश्मीर-छत्तीसगढ़ में शांति हो गई होती।’
Assam Rifles के जवान बलवान सिंह : बहादुरी मारने में नही, पर बचाने में होती है ! क्रोध को क्रोध नही बल्कि शमा और प्रेम से जीता जाता है! दुश्मन को हथियार के बजाए प्यार से जीता जाए तो वहां दुश्मनी हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है !असली जंग तो लोगों के दिलों में लड़ी जाती है !!! pic.twitter.com/VAdYU1tkKg
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) October 8, 2019
अपनी भाषण में उन्होंने कहा कि क्रोध को क्रोध से नहीं प्यार से जीता जाता है, अब्राहम लिंकन ने भी गृह युद्ध खत्म करने के लिए दुश्मन को प्यार से जीतने की बात कही थी। असली जंग लोगों के दिल में लड़ी जाती है, इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन कर नहीं बल्कि इनका सम्मान करके जीता जा सकता है। क्योंकि जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है वहां ही पान सिंह तोमर को डाकू बनना पड़ता है।