बीते दिनों रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह को ट्विटर पर गंगा नदी में बहते शव की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करना काफी महंगा पड़ गया।

दरअसल उन्नाव पुलिस द्वारा सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

उन्नाव पुलिस ने सूर्य प्रताप सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जो तस्वीर उन्होंने 13 मई को अपने ट्वीट में शेयर की थी। जिसमें कई शव गंगा नदी में बहते हुए नजर आ रहे थे।

इस तस्वीर को शेयर करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा था कि ”तैरती लाशों’ और ‘उखड़ती साँसों’ का यूपी मॉडल।

पुलिस का दावा है कि ये तस्वीर साल जनवरी 2014 की है। इस तरह का ट्वीट कर रिटायर्ड आईएएस अफसर नफरत फैलाने और लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे थे

इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुनवाई करते हुए सूर्य प्रताप सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक यह रोक तब तक रहेगी। जब तक पुलिस द्वारा जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल नहीं होती और इस पर अगली सुनवाई नहीं हो जाती।

लेकिन इसके बावजूद उन्नाव पुलिस द्वारा सूर्य प्रताप सिंह के घर पर ही उनसे पूछताछ की जा रही है

इस मामले में पत्रकार रोहिणी सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “आज योगी जी के जन्मदिन पर अधिकारियों ने Yogi को तोहफ़ा दिया है। उन्नाव पुलिस रिटायर्ड IAS के घर पहुँच कर 4 घंटे से लगातार पूछताछ कर रही है।

हाईकोर्ट से राहत के बाद भी इस स्तर की मानसिक प्रताड़ना तानाशाही का विकराल रूप है। अब हम सब को बोलना ही होगा!”

आपको बता दें कि रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह भाजपा के कटु आलोचक माने जाते हैं। वे अक्सर योगी सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here