कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद वगैरह में बहुत परिवारवाद है, इसलिए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) जी के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव बनेंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल कोषाध्यक्ष बनेंगे. ये दोनों बीजेपी नेता प्रेमकुमार धूमल के बेटे हैं.
बीजेपी चालीस साल पुरानी है. पार्टी बनने के बाद, अपवाद छोड़कर, जिनके भी परिवार हैं, वे राजनीति में कब्जा जमाए हैं. कई परिवार तीन पीढ़ियों से हैं. लेकिन कांग्रेस का परिवारवाद (Nepotism) बुरा है.
अब पार्टी बनी चालीस साल पहले लेकिन बीजेपी वाले चाहते हैं कि मोतीलाल नेहरू के बाबा के जमाने तक से देश में जो कुछ भी हुआ है, सबका श्रेय इन्हें ही मिल जाए.
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कायदे से समझा जाए तो जो बुराइयां कांग्रेस (Congress) में थीं, बीजेपी उन सब बुराइयों का हिमालय है. इसे देश के भले बुरे से कोई मतलब नहीं है, बीजेपी संकुचित विचारों वाले परसंतापी यानी इर्ष्यालु लोगों का संगठन है. वरना, जय शाह (Jay Shah) के खाते में कोई उपलब्धि नहीं है, सिवाय इसके कि वे अमित शाह के बेटे हैं और एक कथित घोटाले में उनका नाम आया है, जिसकी जांच तक नहीं हुई.
जो भी हो, आपको यही मंत्र जपना चाहिए कि कांग्रेस में बहुत परिवारवाद है. उसे उखाड़कर वहां पर बीजेपी का परिवारवाद प्रत्यारोपित कर देना है.
बकौल मीडिया, “यह भी बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक है और आपको इसपर गर्व करना है.”