देश के मीडिया को ‘लोकतंत्र का चौथा स्तंभ’ कहा जाता है। लेकिन साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस स्तंभ की नींव डगमगा चुकी है।
देश में सिर्फ चुनिंदा पत्रकार ही पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे हैं। कई विपक्षी दल भी मीडिया को बिकाऊ करार दे चुके हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश भर की मीडिया चैनल भाजपा का प्रचार प्रसार करने और उसे कवर करने में जुट गए हैं।
दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहुंचे थे तो पूरा मीडिया उनकी तारीफों के पुल बाँधने में जुट गया।
दूसरी तरफ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में योगी सरकार की तारीफ कर रहे थे। उसी दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे थे।
इसके अलावा लखनऊ में बड़ी संख्या में किसान भी डेरा डाले भाजपा का विरोध कर रहे थे। लेकिन मीडिया द्वारा इसकी कोई कवरेज नहीं की गई।
इस मामले में पत्रकार रोहिणी सिंह ने बिकाऊ मीडिया पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “ये सिर्फ पन्ना प्रमुख मीडिया ही नहीं बल्कि वह निष्पक्ष पत्रकार है जो इस पर सफाई देते रहते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ क्या गलत है? ममता बनर्जी कैसे चली गई, अखिलेश और तेजस्वी को क्या करने की जरूरत है?
बैलेंस्ड रहने के लिए यह सभी प्रधानमंत्री के बेहूदा कार्यक्रमों को ट्वीट करेंगे। लेकिन विपक्ष जो करता है उसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर देगा।”
रोहिणी ने आगे लिखा- ध्यान दें कि नोएडा समाचार चैनलों द्वारा विपक्षी दलों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को कैसे खारिज कर दिया जाता है। और फिर उनके एंकर पूछते हैं, विपक्ष कहां है!
Notice how massive protests by opposition parties is blanked out by Noida news channels. And then their anchors ask, where is opposition!
— Rohini Singh (@rohini_sgh) July 16, 2021
गौरतलब है कि भाजपा को मात देने के लिए अब कई विपक्षी दल एकजुट होने की रणनीति पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
इस संदर्भ में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आने वाले दिनों में दिल्ली के दौरे पर आने वाली है।
जहां वह कांग्रेस से की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ मुलाकात कर सकते हैं।