मोदी सरकार में दलितों (Dalit) और मुस्लिमों (Muslim) पर अत्याचार लगातार इजाफा हुआ है। यही वजह है कि इस मामले पर करीब 50 से ज्यादा हस्तियों ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखा था।
जिसमें कहा गया था कि सिर्फ साल 2016 में 840 मामले दर्ज हुए जो सिर्फ दलितों के मामले में है। ऐसी घटनाओं पर सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा।
दरअसल लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद जय श्री राम के नारे को उग्र बनाते हुए कई लिंचिंग (Lynching) घटनाएं सामने आई। चाहे वो झारखंड के तबरेज़ अंसारी की पीट-पीटकर ह त्या करने का मामला हो या फिर मध्यप्रदेश में खुले में शौच करने वालों की ह त्या का मामला। इन सभी मामलों में एक बात जो सामान थी वो तो जाति और धर्म के आधार पर किसी को निशाना बनाया जाना।
अब दलित-मुसलमानों की आवाज़ उठाने वालों पर राजद्रोह का मुकदमा, क्या भारत में सब ठीक है?
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। काटजू ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि जर्मनी में यहूदियों की तरह आने वाले समय में मुसलमानों को निशाना बनाया जाएगा, बलि का बकरा के तौर पर क्योंकि बिगड़ते हुए आर्थिक संकट से निपटने के बीजेपी के पास कोई समाधान नहीं है।
Muslims will be targeted in coming times, like Jews in Germany, as scapegoats, bcoz BJP has no solution 2economic crisis, which is worsening
— Markandey Katju (@mkatju) October 3, 2019
काटजू ने ऐसा बयान इसलिए भी दिया है कि क्योंकि देश में आई आर्थिक सुस्ती पर सरकार जिस तरह से विफल रही है। वो किसी छुपा हुआ नहीं और तो और जीडीपी घटने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी सब ठीक होने का दावा कर रहें है। वहीं नियम और कानूनों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। पीएमसी बैंक का दिवालिया होना उसका ताजा उदाहरण है जहां नियमों को ताक पर रखते हुए लोन दिए गए।
ये पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी की तुलना जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ़ हिटलर के कार्यकाल से की जा रही हो। इससे पहले भी कई ऐसे मौके देखने को मिले है जिसमें मोदी सरकार के कार्यकाल की तुलना हिटलर के कार्यकाल से की गई है।
चाहे वो नोटबंदी का तुगलगी फरमान हो या फिर दलितों और मुस्लिमों की लिंचिंग करने वालों का स्वागत करने की कई मौकों पर मोदी सरकार में बैठे मंत्री ऐसे मुस्लिम और दलित विरोधी बयान देते हुए नज़र आते है।
True
Modi Govt is failed at economic front and it is working against the ethos of Constitution. Muslims and Dalits are being victimised by state machinery ,