बोलता उत्तर प्रदेश ( लखनऊ) : उत्तर प्रदेश की राजनीति में इनदिनों जनता जनार्दन की अहमियत काफी बढ़ गई है। कुछ समय बाद यहां विधानसभा के चुनाव हैं। जिस ओर जनता का जोर होगा वही असली राजनीति का सिंकदर बनेगा।
जनसभाओं और रैलियों की भीड़ पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। किसको जनता का आशीर्वाद मिलेगा किसको नहीं, शायद अब जनसभाओं की भीड़ काफी हद तक यह तय करने का पैमाना बन चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब उत्तर प्रदेश आते हैं तो उनके लिए हजारों बसों व लाखों का सरकारी बजट के साथ सरकारी अफसरों के फरमान पर काफी चर्चा और आलोचना की जाती है। हाल में सुल्तानपुर और महोबा का दौरा काफी चर्चा में रहा था।
इसके अलावा विपक्षी नेताओं की जनसभाएं भी हो रही हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हर दिन जगह जगह जनसभाएं कर रहे हैं समाजवादी विजय रथ यात्रा निकाल रहे हैं। कांग्रेस से भी प्रियंका गांधी प्रतिज्ञा यात्रा लेकर तमाम कोशिशों में लगी हैं।
पश्चिमी में जयंत चौधरी भी हर दिन जनसभा कर रहे हैं। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लेकर जनवादी पार्टी भी तैयारियों में लग गई है। लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जनसभाओं में उमड़ रही लाखों की भीड़ पर चर्चा खूब हो रही है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर दिन से लेकर रात तक चलने वाली रथ यात्रा हो या आज बांदा में हुई जनसभा की वीडियो हो। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जहां-जहां जा रहे हैं वहां लाखों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ रही है
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मैदान के मैदान भरे हुए दिखाई दे रहे हैं। पंडाल के पंडाल खचा-खच फुल हैं सड़कों पर खाली जगह नहीं दिख रही है। ये भीड़ जब दिखाई पड़ रही है जब इसके लिए ना हजारों की संख्या में सरकारी बसें इस्तेमाल की गई हैं ना लाखों का सरकारी बजट लगाया गया है ना ही कि्सी का फरमान जारी हुआ है।
सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें देखकर लोग उत्तर प्रदेश में कुछ बड़े बदलाव का दावा कर रहे हैं। आज अखिलेश यादव बुंदेलखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। बाँदा, ललितपुर के बाद झांसी में समाजवादी विजय रथ यात्रा लेकर पहुंचेंगे।
आज बाँदा की जनसभा के वीडियो और तस्वीरों ने भीड़ के अनुमान पर मोहर लगा दी है। अब देखना होगा कि आगामी चुनाव में सपा की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ सत्ता परिवर्तन में कितना योगदान करेगी ?