उत्तर प्रदेश के आगरा में फिरौती नहीं मिलने पर हत्या कर देने वाले 5 के 5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। पांचों आरोपियों ने मिलकर सचिन चौहान की हत्या करने के बाद नाम बदलकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है।
आरोपियों ने 21 जून को आगरा के एक कोल्ड स्टोरेज के मालिक सुरेश चौहान के बेटे सचिन चौहान का अपहरण कर उसके परिवार से 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी।
मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने दबिश दी और एक के बाद एक 5 आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार किए आरोपियों के नाम सुमित असवानी, हैप्पी खन्ना, मनोज बंसल, रिंकू और हर्ष चौहान हैं।
पुलिस ने तलाशी में इन आरोपियों के पास से 7 मोबाईल, 2 कार और 1200 रूपए कैश बरामद किए हैं।
सुरेश चौहान ने जब उन्हें फिरौती नहीं दी तो आरोपियों ने सचिन की हत्या की और बल्केश्वर घाट ले जाकर रवि वर्मा के नाम से उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया।
हत्या के बाद पुलिस को किसी मुखबिर से खबर मिली कि सचिन चौहान अपहरण केस से संबंधित एक व्यक्ति वॉटर वर्क्स चौराहे पर आया है।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आदमी को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तब उसने अपना नाम हैप्पी खन्ना बताया।
धीरे धीरे पूछताछ में ही उसने बाकी सभी आरोपियों के नाम भी बताए। सारे आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरी कहानी पता चली।
सुमित असवानी ने बताया कि सचिन चौहान ने उससे 40 लाख रूपए उधार लिए थे, लेकिन वो पैसे लौटा नहीं रहा था। तभी उसने रिंकू, हैप्पी, मनोज के साथ मिलकर उसके अपहरण की योजना बनायी।
पुलिस ने आरोपियों को तब पकड़ा जब सचिन चौहान की हत्या की जा चुकी थी। पुलिस अगर समय पर सजगता से मामले की छानबीन कर लेती तो शायद सचिन चौहान आज जिंदा होता और अपने परिवार के बीच होता।
लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले आम होते जा रहे हैं। पैसे और प्रशासनिक और राजनैतिक बल के प्रयोग से जाने रोज उत्तर प्रदेश में कितनी हत्याएं होती हैं, कितने बच्चे अनाथ होते हैं, कितनी औरतें विधवाएं होती हैं।
कानून और प्रशासन का डर जनता के बीच खत्म है। इसका कारण कहीं ना कहीं सरकार का ऐसे बड़े मुजरिमों को संरक्षण देना ही है।
जिस प्रदेश में बलात्कार के दोषी लोगों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलती हो, वहां कानून व्यवस्था के पालन का सवाल ही नहीं उठता।