जब पूरा देश बेटियों के साथ दरिंदगी करने वालों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा तब एक ख़ास तबके को दर्द हो रहा है। इस तबके में कुछ मीडिया घराने भी शामिल हैं।

दंगे,नफरत और फेक खबरें चलाने वाले सच के नाम पर कुतर्क रच रहे हैं। कठुआ में आसिफा के लिए तो सासाराम पर चुप्पी क्यों ?

मंदिर में हत्या हुई बलात्कार नहीं ! जहाँ तीन गांवों के लोग पूजा करने आते हो वहाँ रेप कैसे हो सकता है ?

कठुआ का सच दिखाने के नाम पर बेशर्मी परोसी जा रही है। एक मुख्यधारा का चैनल जनता के लिए नहीं कुछ चुनिंदा लोगों,संस्थानों के विचारों के लिए खुलेआम झूठ फैला रहा है।

आप विधायक अलका लांबा ने ट्वीट करते हुए पूछा कि, कठुआ का सच सामने ला रहे हो या फिर दलाली कर रहे हो ?

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, इस नपुंसक चैनल के मुताबिक दोषी BJP की सरकारें और नेता नहीं है, छीन चैनल के मुताबिक दोषी देश की जनता है जो आज कठुआ में तो कैंडल मार्च कर रही है पर बिहार में नहीं.. क्यों कि  कठुआ का बलात्कारी हिन्दू है और बिहार का मुस्लिम। कठुआ का सच सामने ला रहे हो या फिर दलाली कर रहे हो ?

अलका ने अपने दूसरी ट्वीट में लिखा था कि, Zee न्यूज़ का कहना है कि वह कोर्ट के फ़ैसले से पहले ही आज देश के सामने कठुआ की सच्चाई ला कर रख देगें, की मंदिर में किसी का बलात्कार हुआ ही नहीं,केवल हत्या हुई है। लगता है कि अदालतों की जगह कुछ चैनलों ने और जजों की जगह कुछ टीवी एंकर्स ने ले ली है,अब फ़ैसले अदालतों के बाहर होंगें?

आपको बता दें कि, ज़ी न्यूज दंगे,नफरत और फेक न्यूज में पहले से बदनाम है लेकिन अब खुलेआम सरकार के समर्थन में कसीदे पढ़ रहा है।

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