‘समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग और तपस्या का परिणाम है।’ ऐसा कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का जिन्होंने राजस्थान के कोटा में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में ये बात कही साथ ही उन्होंने कांग्रेस और बसपा की निंदा भी की।
दरअसल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष बने ओम बिरला ने ये साबित कर दिया है कि जाति कभी जा नहीं सकती। वो चाहे किसी पद पर बैठ जाए जाति का घमंड और उसकी जय-जयकार में कोई कमी नहीं रहेगी। ओम बिरला के अनुसार समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है।
राजद नेता रामचंद्र पूर्वे ने ओम बिरला का पलटवार करते हुए कहा कि तब तो दलित आपकी नजरों में हमेशा से निम्न स्थान पर रहे होंगे एवं आपके अनुसार दलितों को निचला स्थान उनकी किन परिणामों से मिला है? आप संवैधानिक पद पर विराजमान हैं। जरा संयम रखकर बोलें। जातीय अभिमान ठीक नहीं है स्पीकर सर।
तब दलित आपकी नजरों में हमेशा से निम्न स्थान पर रहे होंगे एवं आपके अनुसार दलितों को निचला स्थान उनकी किन परिणामों से मिला है?
आप संवैधानिक पद पर विराजमान हैं। जरा संयम रखकर बोलें। जातीय अभिमान ठीक नहीं है स्पीकर सर… https://t.co/qbarn7sBwW— Ram Chandra Purve (@RamChandraPurve) September 10, 2019
सवाल ये नहीं है कि ओम बिरला ने ऐसा बयान क्यों दिया? सवाल ये है कि आखिर इस मानसिकता का अंत होगा। क्या संवैधानिक पद बैठे हुए लोग कभी भी सविंधान निर्माता भीम राव आंबेडकर की तारीफ कर पायेंगे जिन्होंने इस देश में सबको बराबरी का दर्ज दिया।
क्या आंबेडकर को उच्च सम्मान देने के लिए ब्राह्मण होना ज़रूरी है? इसका जवाब है नहीं क्योंकि जाति व्यवस्था अपने आप में ज़हर है इसकी वाहवाही करना कानून अपमान है।
बता दें कि ब्राह्मण महासभा में दिए इस भाषण को ओम बिरला ने ट्वीट किया है। साथ ही, फेसबुक पर भी पोस्ट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा ‘‘समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है।