उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव खरीद-फरोख्त और महिला के साथ बदसलूकी के लिए बदनाम रहे।

यूं तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रतिनिधियों के इस चयन में हिस्सा नहीं लिया लेकिन इसमें होने वाली सभी हिंसक गतिविधियों का विरोध किया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पंचायत चुनाव के दौरान यूपी में हुई हिंसा पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

इसमें भाजपा के शासनकाल को जंगलराज कहा गया है। हालांकि, उन्होंने इसकी तुलना सपा के शासनकाल से भी कर डाली है।

प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, “जिस कारण पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर ब्लॉक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव में सपा की तरह ही भाजपा ने धनबल, बाहुबल और सत्ता का घोर उपयोग करने सहित तमाम हथकंडे अपनाकर अधिकतर सीटें जीतने का दावा किया है।” इसे जनतंत्र को शर्मसार करने वाला बताया गया है।

इसके अलावा यह भी कहा गया है कि यूपी में पंचायत और स्थानीय निकायी चुनाव शायद ही कभी स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए हैं। इसमें पुलिस और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग होता है।

मायावती ने योगीराज में यूपी के कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब बताई है। “गरीबों, मज़दूरों, किसानों, असंगठित श्रमिकों, छोटे व मझौले व्यापारियों, दलितों, अतिपिछड़ों और मुसलमानों” पर अत्याचार किया जाता है।

यूपी में 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष, और 10 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख चुनाव हुए थे। इसमें धांधली, गुंडागर्दी, हिंसा, महिला के साथ बदसलूकी जैसी तमाम खबरें आई थी।

हालांकि, भाजपा सरकार इस पर शर्मिंदा होते हुए नहीं बल्कि जीत का जश्न मनाते हुए दिखाई दी है।

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