उत्तर प्रदेश योगी सरकार ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हुई हिंसा की वजह से योगी सरकार एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है।
समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा है। बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि योगी सरकार के राज में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बदहाल हालात में चल रही है।
इस सिलसिले में बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि “यूपी में वर्तमान भाजपा सरकार में भी कानून का नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है।
जिसके तहत यहाँ पंचायत चुनाव में हुई असंख्य हिंसा व लखीमपुर खीरी की एक महिला के साथ की गई बदसलूकी भी अति-शर्मनाक। क्या यही इनका कानून का राज व लोकतन्त्र है? यह सोचने की बात है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अब आज़मगढ़ जिले की तरह चन्दौली जिले के बर्थरा खुर्द गाँव में भी दलितों के घरों को दबंगों द्वारा उजाड़ना व उत्पीड़न आदि करना क्या यही इनका दलित प्रेम है?
व दुःख यह भी है कि अभी भी केन्द्र व यूपी सरकार के दलित मंत्री चुप हैं, क्यों? यह अति-चिन्तनीय।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी की नेता की प्रस्तावक अनीता यादव के साथ हुई बदसलूकी की घटना पर किसी भाजपा नेता ने इसकी निंदा नहीं की है।
जबकि अनीता यादव के साथ बदसलूकी करने वाले भाजपा सांसद रेखा वर्मा का निजी सचिव था।
इससे पहले भी भारतीय जनता पार्टी पर कई विपक्षी नेताओं द्वारा दलित विरोधी सरकार होने के आरोप लगाए जा चुके हैं। दरअसल जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं।
तो भाजपा नेता और कई बड़े मंत्री दलितों के घर जाकर खाना खाते है। ताकि पार्टी का दलित वोट बैंक बढ़ाया जा सके।
चुनाव खत्म होने के बाद सरकार दलितों की कोई सुनवाई नहीं करती। भाजपा शासित राज्यों में दलित बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटती है। सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती।