Mayawati
BSP President Mayawati

बोलता उत्तर प्रदेश : (लखनऊ) आज का दिन देश के लिए खास दिन है. 26 नवंबर 1949 को डॉ. बीआर आंबेडकर (B.R. Ambedkar) द्वारा प्रस्तुत किया गया भारतीय संविधान (Indian Constitution) को संविधान सभा ने वैधानिक रूप से स्वीकार किया था. यही संविधान (Constitution) जो प्रत्येक नागरिक को आजाद देश का आजाद नागरिक होने का अहसास दिलाता है, 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू हुआ.

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डॉ. आंबेडकर के 125वें  जयंती वर्ष के मौके पर 2015 में केंद्र सरकार की अधिसूचना पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने को अधिसूचित किया है. इस दिवस को संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.

इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एएनआई (ANI) को दिए अपने बयान में केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि ऐसी पार्टी की सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है जो पार्टी खुद संविधान (Constitution) का सही से पालन नहीं कर रही है.

जिसने एससी, एसटी और ओबीसी (SC/ST,OBC) वर्गों के आरक्षित Reservation) पद पर नियुक्ति न करके खली छोड़ दिए हैं. जिसने निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की. हमारी पार्टी बसपा उस बीजेपी (BJP) की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी, मायावती ने यह भी कहा.

भारत का संविधान दुनिया सबसे बड़ा संविधान है जो 25 भाग, 470 अनुच्छेद और 12 सूचियों में बंता हुआ है. जो प्रत्येक धर्म, जाति, मजहब को सामान अधिकार और अपनी मान्यताओं के अनुसार धार्मिक कार्य पूर्ण करने की आजादी देता है.

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