मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार मुकेश अंबानी को इनकम टैक्स का नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ब्लैक मनी एक्ट 2015 के तहत नोटिस दिया है जिसमें मुकेश अंबानी, नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों- अनंत, आकाश और ईशा अंबानी को नोटिस भेजा है। इन सभी पर विदेश में काला धन रखने के मामले में नोटिस भेजा गया है।
दरअसल अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को चार फरवरी को हुई IT जांच की रिपोर्ट मिली है। जांच में 14 अकाउंट में से एक के बेनेफिशियरी के तौर पर अंबानी परिवार के लोगों का नाम शामिल है। अब ये जांच कहाँ तक पहुंचेगी इसके बारें में तो जानकारी आने वाले दिनों में ही पता लगेगी मगर उससे पहले अख़बार की तरफ से जो रिपोर्ट में कहा गया उसे जान लेना ज़रूरी है।
अख़बार के अनुसार, विदेशों में कथित अघोषित संपत्ति के सिलसिले में रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन और उनके परिवार को 28 मार्च 2019 को नोटिस भेजा गया था। नोटिस इनकम टैक्स की मुंबई यूनिट ने भेजा है, यूनिट को कई देशों की एजेंसियों से जानकारी मिली थी। अंबानी परिवार को ये नोटिस साल 2011 में यह जांच शुरू हुई थी।
उस वक़्त सरकार को जानकारी मिली थी कि HSBC जेनेवा में 700 भारतीयों के अकाउंट हैं। इसके बाद चार साल बाद साल 2015 में एक मीडिया इंवेस्टीगेशन की गई। इसे इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (ICIJ) ने किया था। इस इंवेस्टीगेशन को स्विस लीक्स का नाम दिया गया। इनमें दावा किया गया कि HSBC जेनेवा में 1,195 अकाउंट होल्डर हैं।
ICIJ की जांच में कई अंतरराष्ट्रीय अखबार और मीडिया संस्थान शामिल थे। इंडियन एक्सप्रेस भी इस जांच का हिस्सा था। ICIJ की जांच में खुलासा किया गया कि ‘टैक्स हैवेन’ स्थित विदेशी कंपनियों के HSBC जेनेवा में 14 अकाउंट का एक समूह है। इनमें 601 मिलियन डॉलर्स का बैलेंस है। ये सभी विदेशी कंपनियां रिलायंस ग्रुप के मीडिएटर्स से जुड़ी हुई थीं।
इन आरोपों पर रिलायंस यानी मुकेश अंबानी की तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। इस मामले पर मौजूदा सरकार क्या एक्शन लेती है ये तो आने वाले वक़्त में पता लग पायेगा। मगर एक बार तो साफ़ है कि इनकम टैक्स का नोटिस मिलना वो भी मुकेश अंबानी जिनपर बीजेपी सरकार या (कोई और सरकार भी) मेहरबान रहती है उसपर मामला आगे बढ़ेगा इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
साभार – द क्विंट, इंडियन एक्सप्रेस