‘पिछले 70 सालों में किसी ने ऐसी परिस्थिति नहीं देखी जहाँ सारा वित्तीय क्षेत्र उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र में कोई भी एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहा है। कोई भी किसी को कर्ज़ देने को तैयार नहीं है, सब नकद दाबकर बैठे हैं।’ ऐसा कहना है नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का जिन्होंने गिरती अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी।
दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे राजीव कुमार ने कहा कि हमें इस जड़ता वाली स्थिति को तोड़ने के लिए अभूतपूर्व क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार को हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
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नोटबंदी,जीएसटी जैसे कानून पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और आईबीसी (दीवालिया क़ानून) के बाद हर चीज़ बदल गई है। पहले 35 फ़ीसदी नक़दी उपलब्ध होती थी, वो अब काफ़ी कम हो गया है। इन सभी कारणों से स्थिति काफ़ी जटिल हो गई है।
#WATCH: Rajiv Kumar,VC Niti Aayog says,"If Govt recognizes problem is in the financial sector… this is unprecedented situation for Govt from last 70 yrs have not faced this sort of liquidity situation where entire financial sector is in churn &nobody is trusting anybody else." pic.twitter.com/Ih38NGkYno
— ANI (@ANI) August 23, 2019
इससे पहले भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती से निपटने के लिए सरकार की ओर से बड़े कदम उठाए जाने की ज़रूरत है।
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बता दें कि पिछले कई दिनों से ऑटो सेक्टर से लेकर टेक्सटाइल सेक्टर, आईटी सेक्टर और बैंकिंग सेक्टर मंदी के चलते अपनी कंपनी में कई लोगों की छटनी कर चुके है। ऐसे में सबकी निगाह सरकार की तरफ टिकी हुई है की वो इसका निवारण निकलेगी।