सुस्त अर्थव्यवस्था पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने जेल में होने के बावजूद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा- मैने (पी चिदंबरम) अपने परिवार के सदस्यों को मेरी तरफ से ट्वीट करने के लिए कहा है। चिदंबरम ने कहा कि ‘ईश्वर इस देश की रक्षा करे’
चिदंबरम ने आगे लिखा- मेरी चिंता देश की अर्थव्यवस्था को लेकर है, सिर्फ एक आंकड़ा पूरी कहानी बता देता है और वह आंकड़ा घटा हुआ एक्सपोर्ट है, अगस्त के दौरान एक्सपोर्ट में 6.05 प्रतिशत की निगेटिव ग्रोथ आई है, दुनिया में किसी भी देश ने 8 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ तबतक प्राप्त नहीं की है जबतक सालाना एक्सपोर्ट में 20 प्रतिशत ग्रोथ न आई हो।
May God bless this country.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 16, 2019
इससे पहले अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चौकाने वाली बात कही थी। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में तीन बड़े झटके दिए है- जिसमें नोटबंदी, जीएसटी और बढ़ता हुआ एनपीए बहुत हद तक ज़िम्मेदार है। ऐसे में अगर कहा ये जा रहा GDP 5% है तो वो गलत कह रहें है, दरअसल ये है 0% ग्रोथ रेट है इसें ही मंदी कहा जाता है।
गिरती अर्थव्यवस्था पर चिदंबरम का सवाल- देश को गिरावट और निराशा से बाहर निकालने की योजना कहां है?
उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई थी कि साथ ही देश में जो असंगठित क्षेत्र है उसमें 94% लोग काम करते है और 45% उत्पादन होता है अगर ऐसे में जहां 94% लोग काम करते है वहां पर उत्पादन कम हो रहा है और वहां रोजगार कम हो रहा है तो उससे डिमांड कम हो जाती है।
ये जो डिमांड कम हुई ये नोटबंदी के बाद से शुरू हुआ है फिर 8 महीने बाद जीएसटी का असर पड़ा फिर एनपीए का असर पड़ा फिर एनबीएफसी का असर पड़ा तो यानी की तीन साल में तीन बड़े झटके लगे अर्थव्यवस्था को जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है।
देश की अर्थव्यवस्था से टूटने की आवाजें आ रही हैं और PM मोदी ‘गाय-ओम’ पर भाषण दे रहे हैं
जैसा की सीएमआई के आकड़े दिखाते है कि 45 करोड़ लोग जो काम कर रहें वो घट के 41 करोड़ हो गए यानी की 4 करोड़ लोग रोजगार से बाहर हो गए जिनमें से ज्यादातर महिलाएं थी। साथ ही हमारे अर्थव्यवस्था में जो निवेश था वो 2012-13 में उचाई पर थी 37 %पर था वो 30% पर आ गया है। इसी वजह से अगर निवेश नहीं होगा तो अर्थव्यवस्था में ग्रोथ नहीं बढ़ती है।
इसीलिए मेरा मानना है कि ये जो समस्या है वो असंगठित क्षेत्र से शुरू हुई है मगर अब वो धीरे धीरे संगठित क्षेत्र पर असर डाल रही है जैसे एफएमसीजी वो कोई बहुत आइटम नहीं वो तो हर आदमी खरीदता है वहां पर भी ग्रोथ रेट कम हुई है।