राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बुरी खबर आई है।

देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर जानी जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुए छात्र संघ चुनावों में आरएसएस और भाजपा समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सूपड़ा साफ हो गया है।

दरअसल पिछले दिनों वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव हुए थे।

पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में हुए इस चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने सभी चारों सीटों पर शानदार जीत हासिल कर ली है। वहीं भाजपा समर्थक छात्र संगठन एबीवीपी को एक भी सीट नसीब नहीं हो सकी।

इस मौके पर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह जीत सभी छात्रों की जीत है। जिन्होंने एनएसयूआई के उम्मीदवारों पर अपना भरोसा जताया।

इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि ये हार विद्यार्थी परिषद की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार है क्योंकि बनारस उनका गढ़ माना जाता है। आज एनएसयूआई ने मोदीजी से उनका किला छीना है, जल्द ही पूरा उत्तर प्रदेश छीनेंगे।

मालूम हो कि पीएम मोदी के लिए ये दूसरा झटका है। इसके पूर्व फरवरी के महीने में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव में भी एबीवीपी का सफाया हो गया था।

काशी विद्यापीठ में जहां अध्यक्ष पद पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी तो वहीं बाकी सभी पदों पर एनएसयूआई ने शानदार जीत प्राप्त की थी। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई थी और यहां भी एबीवीपी को शून्य मिला था।

बताते चलें कि देश में बढ़ती बेरोजगारी और घटते रोजगार के अवसरों से युवा वर्ग में कंेंद्र सरकार और पीएम मोदी के प्रति निराशा का माहौल है।

युवाओं का आरोप है कि किसी भी विभाग में वैकेंसी नहीं है और सरकार छात्रों को इधर उधर की बातों में भटकाए रखना चाहती है।

यही वजह रही है कि छात्र संघ चुनाव में छात्रों ने अपना आक्रोश वोट के माध्यम से व्यक्त किया और पीएम मोदी को अपना संदेश साफ साफ सुना दिया।

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